बीएसएफ, जिसे पहले पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में 15 किलोमीटर तक कार्रवाई करने का अधिकार था, अब केंद्र या राज्य सरकारों से बिना किसी बाधा या अनुमति के अपने अधिकार क्षेत्र को 50 किलोमीटर तक बढ़ाने के लिए अधिकृत है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा बीएसएफ (BSF) के अधिकार क्षेत्र की बढ़ोत्तरी के खिलाफ पंजाब सरकार (Punjab Government) ने न्यायालय का रास्ता खटखटाया है। पंजाब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में पेटीशन दायर किया है। पंजाब सरकार की पेटीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) भी बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है, साथ ही पुलिस से बीएसएफ के हस्तक्षेप से रोकने को कहा गया है।
सरकार ने कहा- राज्य के अधिकार में हस्तक्षेप
पंजाब सरकार ने तर्क दिया कि केंद्र की तरफ से बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने से राज्य के अधिकार में हस्तक्षेप हुआ है। पंजाब की भौगोलिक स्थिति के लिहाज से यह उचित नहीं है। राज्य सरकार का तर्क है कि केंद्र के इस फैसले से करीब 27 हजार स्क्वायर किमी एरिया बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ गया है। जो पंजाब का आधा हिस्सा है। हालांकि बीएसएफ सफाई दे चुकी है कि वह सिर्फ पंजाब पुलिस को सहयोग करेंगे। केस दर्ज करने से लेकर जांच और कोर्ट में चालान पेश करने का काम पंजाब पुलिस ही करेगी।
क्या है नया आदेश?
बीएसएफ, जिसे पहले पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में 15 किलोमीटर तक कार्रवाई करने का अधिकार था, अब केंद्र या राज्य सरकारों से बिना किसी बाधा या अनुमति के अपने अधिकार क्षेत्र को 50 किलोमीटर तक बढ़ाने के लिए अधिकृत है। हालांकि, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में 20 किमी कम कर दिया गया था, जहां पहले इसका अधिकार क्षेत्र 80 किमी था। गुजरात में, बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 80 से 50 किमी तक घटा दिया गया था। राजस्थान में, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 50 किमी ही रहेगा।
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