
चंडीगढ़ : बेअदबी मामलों की जांच को लेकर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को झटका देते हुए साफ कर दिया है कि बेदअबी से जुड़े तीनों मामलों में जांच और ट्रायल के दौरान राम रहीम को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही कोर्ट में पेश होना है। इसका मतलब यह हुआ कि अब पएसआईटी पूछताछ के लिए राम रहीम को प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब नहीं ला सकेगी। हालांकि अभी हाईकोर्ट के ऑर्डर की कॉपी जारी नहीं हुई है लेकिन जानकारी मिल रही है कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया है।
पहले भी मिल चुकी है राहत
कोर्ट में डेरा प्रमुख के वकील कनिका आहूजा की तरफ से दी गईं दलीलों के मुताबिक उच्च न्यायालय ने बेअदबी से जुड़े एक और मामले में पुलिस की मांग के विपरीत एसआईटी को सुनारिया जेल में राम रहीम से पूछताछ के लिए छूट दी थी। कुछ ऐसी ही राहत की मांग बेअदबी से ही जुड़ी FIR 117 और 128 नंबर में भी की गई थी। राम रहीम की तरफ से याचिका दायर की गई थी कि वह फिजिकली कोर्ट में नहीं आना चाहता।
क्या है डेरा प्रमुख की मांग
दरअसल, राम रहीम की तरफ से लगाई गई याचिका में कहा गया है कि 25 सितंबर 2015 और 12 अक्तूबर 2015 को बाजाखाना थाने में दर्ज केस के लिए जांच या ट्रायल जो भी हो उसमें फिजिकली पेशी से छूट मिले। यह पेशी वर्चुअली तरीके से हो। क्योंकि कोर्ट आने में उसकी जान को खतरा है। इससे पहले 25 अक्तूबर 2021 को मुख्य मामले में भी डेरा प्रमुख ने फरीदकोट के प्रोडक्शन वारंट वाले आदेशों को रद्द करने की मांग की थी। तब उसकी तरफ से कहा गया था कि एसआईटी ने जो प्रोडक्शन वारंट की मांग की है, इसका मतलब है कि वे डेरा प्रमुख को गिरफ्तार करना चाहती है। हाईकोर्ट ने तब एसआईटी को सुनारिया जेल में जाकर पूछताछ करने का आदेश दिया था। बता दें कि राम रहीम को साध्वियों के साथ यौन शोषण, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह हत्याकांड में सजा हो चुकी है। साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में और बेअदबी के मामलों में उस पर अभी कार्रवाई होनी है।
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