सियासी गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा देने के बाद से ही सिद्धू के तेवर पार्टी के खिलाफ हैं। बीते कुछ दिनों से वह कुछ समर्थकों के साथ अलग-अलग हिस्सों में जा रहे हैं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं लेकिन पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं।
चंडीगढ़ : पंजाब चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूरी तरह नई कर दी गई है लेकिन हाल वही पुराना ही बना हुआ है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) लगातार बगावती तेवर अख्तियार किए हुए हैं तो पीसीसी के बड़े नेता उन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। दो दिन पुरानी ही बात है जब पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी (Harish Choudhary) ने हाईकमान को चिट्ठी लिख सिद्धू पर कार्रवाई की मांग की थी, जिसका जवाब सिद्धू ने अपने ही अंदाज में दिया। उन्होंने इस पर चुप्पी तोड़ते हुए एक ट्वीट किया है, जिससे कांग्रेस के अंदरखाने चल रहा मनमुटाव एक बार फिर सबसे सामने आ गया है।
जवाब वक्त पर छोड़ दिया है
मंगलवार को जब सिद्धू से इसको लेकर सवाल किया गया था तब उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया था लेकिन बुधवार को उन्होंने एक ट्वीट कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा-अपने खिलाफ बातें मैं अक्सर खामोशी से सुनता हूं, जवाब देने का हक, मैंने वक्त को दे रखा है। सिद्धू के इस ट्वीट को पीसीसी के खिलाफ बगावत के तौर पर देखा जा रहा है।
हरीश चौधरी के पत्र में क्या था
दरअसल, हरीश चौधरी ने दो दिन पहले पार्टी आलाकमान को एक पत्र लिखकर सिद्धू पर कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने लिखा था कि सिद्धू से यह पूछा जाना चाहिए कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के लिखे पत्र में आगे कहा गया है कि पंजाब में नवंबर 2021 से प्रभारी होने के बाद से मैंने यह पाया है कि सिद्धू हमेशा ही कांग्रेस की आलोचना करते रहे हैं। जब सरकार थी तो उन्होंने अपनी ही सरकार को भ्रष्ट कहा था। उन्हें लगातार समझाया लेकिन उन्होंने आलोचना नहीं छोड़ी।
नए पीसीसी चीफ से भी संबंध ठीक नहीं
पत्र में आगे यह भी लिखा है कि सिद्धू का व्यवहार नए प्रदेश अध्यक्ष
हरीश चौधरी ने अपने खत में कहा था कि सिद्धू का व्यवहार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग (Amrinder Singh Raja Warring) के साथ भी ठीक नहीं है। उनके पदभार संभालने के दौरान हुए समारोह में यह साफ-साफ देखने को मिला था। सिद्धू आए और अन्य लोगों की तरह कार्यक्रम को बीच में ही छोड़क चले गए थे। ऐसे में पार्टी पर इसका असर ठीक नहीं पड़ रहा है।
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