ED raids in Punjab : 'दलित पर अटैक' बता CM Charanjit Singh Channi के बचाव में उतरी कांग्रेस

अब जिस तरह से कांग्रेस और चन्नी ईडी की रेड से विवादों में हैं। इसलिए उनकी छवि को मेकओवर करने के लिए दलित कार्ड खेलने की तैयारी की जा रही है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बयान जारी कर ईडी की रेड को दलित पर अटैक बताया है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2022 3:54 AM IST / Updated: Jan 20 2022, 09:32 AM IST

चंडीगढ़ : पंजाब (Punjab) में अवैध रेत माइनिंग में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार पर ED की रेड से विवादों में फंसी कांग्रेस (Congress) अब बचाव के रास्ते खोजने में जुट गई है। पार्टी के रणनीतिकार समझ रहे हैं कि रेड उस वक्त लगी, जब पंजाब में चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। निश्चित ही इसे कांग्रेस बैकफुट पर है। पंजाब में माइनिंग बड़ा मामला है। आम आदमी पार्टी (AAP) सबसे आक्रामक तरीके से यह मुद्दा उठा रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और बैंस बंधू भी इस पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस ने खुद यह मामला इतने जोरदार तरीके से उठाया था कि पंजाब में बड़ा मुद्दा बन गया था।

चन्नी की ईमानदार छवि पर चोट
जानकार मान रहे है कि ईडी की रेड कांग्रेस और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (charanjit singh channi) के लिए खासा धक्का है। मात्र तीन माह में सीएम चन्नी ने जो ईमानदारी की जो छवि बनाई थी, इस रेड ने इसे लगभग खत्म कर दिया है। इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस एंड स्टडीज के निदेशक कुमार विक्रम सिंह ने बताया कि इस बार कांग्रेस का चुनाव सीएम चन्नी की छवि पर दारोमदार था। पिछले विधानसभा चुनाव में कैप्टन ने जनता के साथ इतने वादे किए थे कि उन्हें वह पूरा नहीं कर पाए। इससे पार्टी का ग्राफ काफी नीचे चला गया था। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और उसके साथियों ने कैप्टन के खिलाफ जो मोर्चा खोला था, उसके मायने थे। उन्हें आभास हो गया था कि कैप्टन के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का मतलब पार्टी की हार है। इसलिए उन्होंने कैप्टन को घेरा। हालांकि इसमें भी कोई दो राय नहीं कि इसके पीछे सिद्धू का अपना एजेंडा भी एक वजह था। लेकिन ज्यादा मौका उन्हें कैप्टन की कार्यप्रणाली ने दे दिया।

चन्नी ने अच्छी छवि बनाई
कुमार विक्रम सिंह आगे बताते हैं कि बदलते घटनाक्रम में कांग्रेस ने सीएम का पद चन्नी को दे दिया। उन्होंने दिन रात काम करते हुए पार्टी और खुद को मजबूत किया। निश्चित ही इसका लाभ पार्टी और चन्नी को मिला। इसका असर यह हुआ कि सिद्धू के तमाम दबाव के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें सीएम का चेहरा नहीं बनाया। इसकी वजह यह भी थी कि चन्नी ने मतदाता के बीच अच्छी छवि बनाई है। वह दलित है, दलित मतदाताओं का जोड़ने का काम किया है। वह दलित जो कांग्रेस से इधर उधर हो रहा था, वह अब पार्टी के साथ जुड़ रहा है। इस तबके में चन्नी ने कांग्रेस को काफी मजबूती दी है।

कांग्रेस की फ्रंटफुट पर बैटिंग  
अब जिस तरह से कांग्रेस और चन्नी ईडी की रेड से विवादों में हैं। इसलिए उनकी छवि को मेकओवर करने के लिए दलित कार्ड खेलने की तैयारी की जा रही है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने बयान जारी कर ईडी की रेड को दलित पर अटैक बताया है। इसके साथ ही खुद चरणजीत चन्नी उनके साथ कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा, ब्रह्म महिंद्रा, सुख सरकारिया और त्रिपत राजिंदर बाजवा की टीम इस मामले में सक्रिय हो गई है। चन्नी ने यह भी आरोप लगाया कि ईडी उन्हें कैबिनेट मंत्रियों के साथ फंसाने की कोशिश करेगा ताकि वे आगामी चुनाव नहीं लड़ सकें। उन्होंने कहा कि ईडी ने हमें प्रताड़ित किया है। ईडी ने डर का माहौल बनाने की कोशिश की है। क्योंकि वह दलित हैं। वह सीएम जैसे महत्वपूर्ण पद पर रह कर अपने समाज के लोगों के लिए काम न कर सके, इसलिए उन्हें रोकने की कोशिश हो रही है। भूपिंदर सिंह हनी से करीब 10 करोड़ रुपए की वसूली के बारे में चन्नी ने कहा, इस वसूली के बारे में मुझे नहीं पता, यह तो मेरा भतीजा ही बता सकता है।

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