भारत की दरियादिली: अटारी सीमा पर पाकिस्तानी महिला ने दिया बच्चे को जन्म, नाम रखा बॉर्डर, जानें पूरा मामला

भारत और पाकिस्तान सीमा (अटारी) पर नींबू बाई और बलम राम एक तंबू में रह रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तानी रेंजरों ने उन्हें आने से रोक दिया है। ये लोग पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले हैं। बलम राम ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चे का नाम बॉर्डर (Border) इसलिए रखा है, क्योंकि वह भारत-पाक सीमा (India Pakistan Border) पर पैदा हुआ है।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 6, 2021 4:02 AM IST / Updated: Dec 06 2021, 09:34 AM IST

चंडीगढ़। भारत और पाकिस्तान की सीमा (India Pakistan Border) पर एक पाकिस्तानी महिला ने बेटे को जन्म दिया है, जिसका नाम बॉर्डर रखा है। इस बेटे का जन्म 2 दिसंबर को अटारी बॉर्डर (Attari Border) पर हुआ है। महिला और उसका पति पिछले 71 दिन से 97 अन्य पाकिस्तानी नागरिकों के साथ अटारी सीमा पर फंसे हुए हैं। महिला का नाम नींबू बाई है जबकि पति का नाम बलम राम है। ये पंजाब प्रांत के राजनपुर जिले के रहने वाले हैं। दोनों ने बताया कि बच्चे का नाम ‘बॉर्डर’ (Border) इसलिए रखा गया, क्योंकि वह भारत-पाक सीमा पर पैदा हुआ है।

दरअसल, 97 पाकिस्तानी नागरिक भारत घूमने आए थे। लेकिन, सही दस्तावेज नहीं होने की वजह से बीते 71 दिनों से अटारी सीमा पर फंसे हुए हैं। पाकिस्तान की नींबू बाई गर्भवती थी और 2 दिसंबर को उसे प्रसव पीड़ा होने लगी। पड़ोसी की महिलाएं नींबू बाई की मदद करने पहुंचीं। स्थानीय लोगों ने अन्य सहायता प्रदान की और प्रसव के लिए मेडिकल सुविधाओं की भी व्यवस्था की। नींबू बाई ने बच्चे को जन्म दिया। दंपति ने अपने बच्चे का नाम अब ‘बॉर्डर’ रख दिया है। नींबू बाई और बलम राम ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चे का नाम बॉर्डर इसलिए रखा है, क्योंकि वह भारत-पाक सीमा पर पैदा हुआ था।

टोली में 47 बच्चे भी, इनमें 6 भारत में पैदा हुए
बलमराम का कहना है कि वो 97 अन्य लोगों के साथ लॉकडाउन से पहले अपने रिश्तेदारों से मिलने और और तीर्थ यात्रा के लिए भारत आए थे। वे अपने घर नहीं लौट सके क्योंकि उनके पास जरूरी दस्तावेजों की कमी थी। इनमें 47 बच्चे भी शामिल हैं जिनमें से 6 भारत में पैदा हुए और उनकी उम्र एक साल से कम है।

एक ने बच्चे का नाम भारत रखा
एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक लग्या राम ने अपने बेटे का नाम ‘भारत’ रखा है, क्योंकि उसका जन्म 2020 में जोधपुर में हुआ था। लग्या जोधपुर में अपने भाई से मिलने आया था, लेकिन पाकिस्तान नहीं जा सका। मोहन और सुंदर दास भी अन्य फंसे हुए पाकिस्तानियों में से हैं, जिन्होंने पाक अधिकारियों से उन्हें स्वीकार करने का अनुरोध किया है। 

स्थानीय लोग तीन टाइम उपलब्ध करवा रहे खाना
ये लोग वर्तमान में अटारी सीमा पर एक तंबू में रह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तानी रेंजरों ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। ये परिवार अटारी इंटरनेशनल चेकपोस्ट के पास एक पार्किंग स्थल में डेरा डाले हुए हैं। स्थानीय लोग उन्हें दवा और कपड़े के अलावा प्रतिदिन तीन टाइम भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं। 

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