सार

ग्वालियर के बहोड़ापुर इलाके में सोमवार दोपहर एक महिला को प्रसव के लिए ऑटो से अस्पताल ले जा रहे थे। रास्ते में ये ऑटो जाम में फंस गया। इस बीच, महिला को प्रसव पीड़ा होना शुरू हो गई। इसके बाद वहां एक दाई फरिश्ता बनकर आई और ऑके चारों तरफ साड़ी डालकर पर्दा लगाया। इसके बाद ऑटो में ही प्रसव कराया। बच्चे को अब सभी ऑटो कहकर पुकार रहे हैं।

ग्वालियर। शहर के बहोड़ापुर इलाके में एक प्रसूता ने ऑटो में नवजात को जन्म दिया है। ये प्रसूता अस्पताल जा रही थी और गणेश मंदिर के पास डेढ़ घंटे से जाम में फंसी थी। जिसके कारण ना तो ऑटो तक एंबुलेंस पहुंच पा रही थी और ना ही महिला पैदल चलने की हालत में थी। गनीमत रही कि एक दाई वहां फरिश्ता बनकर आईं और उनकी मदद से डिलीवरी हो गई। डॉक्टर्स के मुताबिक, जच्चा-बच्चा सुरक्षित हैं। फिलहाल, अब बच्चे का नाम भी परिजन ने ऑटो रख दिया है। उसे सब लोग ऑटो कहकर पुकार रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, नरेश कुशवाह बहोड़ापुर में आनंद नगर में रहते हैं और ट्रांसपोर्ट नगर में एक चॉकलेट फैक्ट्री में जॉब करते हैं। उनकी पत्नी अनीता (28 साल) गर्भवती थी। उनका लक्ष्मीगंज प्रसूति गृह में पहले से ट्रीटमेंट चल रहा था। डॉक्टर ने 10 नवंबर प्रसव की तारीख दी थी, लेकिन, डिलीवरी नहीं हुई। सोमवार शाम अनीता के पेट में तेज दर्द हुआ तो घर पर कोई नहीं था। उसकी सास मालती और चचिया सास पार्वती कुशवाह उसे ऑटो में लेकर लक्ष्मीगंज प्रसूति गृह जा रही थीं। ये लोग गणेश मंदिर इलाके में पहुंचे तो देखा कि जाम लगा है। इधर, ऑटो में अनीता की हालत खराब हो रही थी। इन दोनों में किसी को प्रसव कराना भी नहीं आता था। इस बीच, दर्द से कराहती अनीता की चीख सुनकर मौके से गुजर रही एक महिला पहुंची और उसने बताया कि वह दाई मां है। साथ ही एक युवक ने एंबुलेंस को कॉल किया। कुछ देर बाद एंबुलेंस से कॉल आया कि जाम के कारण मौके पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

सड़क पर ऑटो में दिया बेटे को जन्म
इधर, दाई मां ने ऑटो को चारों तरफ से पर्दे से बंद कराया और प्रसव करा दिया। नवजात की किलकारी गूंजने लगीं। इसके बाद दाई ने अनीता को जल्द अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा और चली गई। परिजन का कहना था कि दाई ने अपने बारे में कुछ भी नहीं बताया। कुछ ही देर में ट्रैफिक जाम खुला तो ऑटो से प्रसूता को लेकर लक्ष्मीगंज प्रसूति गृह पहुंचे। स्टाफ नर्स ज्योति तोमर ने बच्चे और मां का चेकअप किया। उनका कहना था कि दोनों स्वस्थ्य हैं, लेकिन ये स्थिति खतरनाक थी। फिलहाल, अब अस्पताल समेत पूरा परिवार नवजात बेटे को ऑटो कहकर पुकार रहे हैं। प्यार से उसका नाम ऑटो रख दिया है। 

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