पिछली बार 18 जनवरी को हाइकोर्ट ने 24 जनवरी तक अग्रिम जमानत बढ़ा दी थी। सोमवार को एक बार फिर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनी।
चंडीगढ़। ड्रग्स केस में फंसे अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने मजीठिया की जमानत मामले में सुनवाई की और फैसला सुनाया। ऐसे में अब कभी भी मजीठिया की गिरफ्तारी हो सकती है। मजीठिया को हाइकोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। पिछली बार 18 जनवरी को हाइकोर्ट ने 24 जनवरी तक अग्रिम जमानत बढ़ा दी थी। सोमवार को एक बार फिर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनी। मजीठिया के वकीलों ने तर्क दिया कि वह ड्रग्स केस में जांच टीम के आगे पेश हो चुके हैं।
बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर को मोहाली में एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। मजीठिया ने इससे पहले मोहाली ट्रायल कोर्ट से जमानत मांगी थी, जिसे खारिज कर दिया गया। निचली अदालत द्वारा जमानत खारिज होने के बाद मजीठिया ने उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। उच्च न्यायालय ने 10 जनवरी को उन्हें अंतरिम जमानत दी थी और जांच में शामिल होने का आदेश दिया था। आज कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। बिक्रमजीत सिंह मजीठिया अकाली दल के सीनियर नेता है। अब याचिका खारिज होते ही उन पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक गई है। मामला दर्ज होते ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। क्योंकि गिरफ्तारी से बचने के लिए मजीठिया पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में चले गए थे, जहां से उन्हें अंतरिम बेल मिल गई थी। लेकिन अब यह रोक हट गई है।
अकाली दल को लगा बड़ा झटका
बिक्रमजीत सिंह ने अमृतसर सीट से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है। हालांकि अभी उन्होंने इस सीट से पर्चा नहीं भरा है। ना ही उनके नाम की घोषणा इस सीट से हुई है।
विधानसभा चुनाव के बीच में मजीठिया के खिलाफ आए कोर्ट के इस फैसले से अकाली दल को खासा झटका लगा है। क्योंकि मजीठिया ना सिर्फ पार्टी के सीनियर लीडर है, बल्कि पार्टी की ओर से विपक्ष पर लगातार हमले भी वही करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं मजीठिया
हाल ही में बिक्रम मजीठिया ने ही सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पर ईडी की रेड के मामले में जोरदार हमला किया था। जिसके बाद प्रदेश भर में कांग्रेस को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अब जिस तरह से वह स्वयं सवालों के घेरे में आ गए हैं। बताया जा रहा कि पंजाब पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए तैयार है। दिसंबर भी केय दर्ज होते ही उनकी गिरफ्तारी के लिए हरसंभव कोशिश की थी। पर तब क्योंकि मजीठिया कोर्ट में चले गए तो बच गए थे। अब कोर्ट ने उनकी याचिका को रद्द कर दिया तो अब निश्चित ही उनके सामने भारी मुश्किल आ गई है। जानकारों का कहना है कि मजीठिया इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
भगवंत मान को चुनाव आयोग का 10 दिन में दूसरा नोटिस, लगातार कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप
Punjab Election 2022 : राज्यपाल से मिले AAP नेता राघव चड्ढा, अवैध रेत खनन को लेकर CM चन्नी की शिकायत