Punjab Polls 2022: सिद्धू के आगे हर बार झुकी चन्नी सरकार, मांगें भी मंजूर, अब CM का दावा भी ठोंक रहे ‘गुरु’

 कांग्रेस के भीतर प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। उनकी लगभग सभी मांगों के आगे मुख्यमंत्री चन्नी (Charanjit Singh Channi) भी पूरी तरह झुकते नजर आए हैं। इतना ही नहीं, सिद्धू विधानसभा चुनाव के प्रचार में खुद को सीएम फेस के लिए भी मजबूती के साथ पेश कर रहे हैं।

Udit Tiwari | Published : Dec 23, 2021 7:54 AM IST / Updated: Dec 23 2021, 01:35 PM IST

चंडीगढ़। पंजाब में जल्द ही विधानसभा चुनाव ( Punjab Assembly elections 2022) होने जा रहे हैं। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस (Congress) हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। इसकी कई बड़ी वजहें भी हैं। हाल ही में सत्ता का उलटफेर कर तुजुर्बेदार कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) को साइड लाइन करना हो या फिर संकट की घड़ी से निकलकर नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बीच सुलह... पार्टी हाइकमान अब इस सबसे आगे बढ़कर जीत की रणनीति पर पूरा फोकस रखना चाहता है। पंजाब में हुई हालिया घटनाओं से मालूम चलता है कि कांग्रेस के भीतर प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। उनकी लगभग सभी मांगों के आगे मुख्यमंत्री चन्नी (Charanjit Singh Channi) भी पूरी तरह झुकते नजर आए हैं। इतना ही नहीं, सिद्धू विधानसभा चुनाव के प्रचार में खुद को सीएम फेस के लिए भी मजबूती के साथ पेश कर रहे हैं।

दरअसल, सिद्धू ने पिछले कई महीनों से बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) के खिलाफ ड्रग्स मामले में एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर मुहिम छेड़ी थी। यहां तक कि बिक्रम मजीठिया ने भी चन्नी की सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल की धमकी दे दी थी। अंत में सिद्धू की हठ के आगे सब बेबस नजर आए और चन्नी सरकार को बिक्रम मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। इसी तरह सिद्धू ने सितंबर में चन्नी सरकार की बड़े ओहदेदार नियुक्तियों के खिलाफ प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। यह भी साफ कर दिया था कि वे पद छोड़ देंगे। लेकिन, उसूलों से कोई समझौता नहीं करेंगे। आखिरकार कांग्रेस आलाकमान की तरफ से ना सिर्फ सिद्धू को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाया गया, बल्कि चन्नी सरकार ने सिद्धू की मांग को स्वीकार किया और एडवोकेट जनरल और डीजीपी को बदल दिया। ये दोनों पद सिद्धू की पसंद के लोगों को दिए गए।

कांग्रेस में तीन बड़े नेता, इनमें सिद्धू सबसे आगे
दरअसल, पंजाब में सिखों की कुल आबादी 57.75% है। इसमें जट्ट सिख 19%, हिंदू 38.49%, दलित 31.94% और अन्य समाज का 10.57% वोट बैंक है। दलित समाज में हिंदू और सिख समाज के वोट शामिल हैं। जबकि अन्य में मुस्लिम और क्रिश्चियन समाज और बाकी हैं। राज्य में जट्‌टसिख कम्युनिटी सिर्फ 19% है, लेकिन अब तक उन्हीं का राज रहा है। यही वजह है कि राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया। ऐसे में कांग्रेस अब दलित, जट सिख और हिंदू वोटर्स को लुभाने के लिए सीएम चन्नी, सिद्धू और सुनील जाखड़ तीनों को ही चेहरा बनाकर पेश करना चाहती है, लेकिन पार्टी और सरकार के फैसलों को देखकर ये साफ पता चलता है कि सिद्धू का कद इन दोनों नेताओं से बड़ा हो गया है।

अब सीएम फेस का दावा ठोंक रहे
हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया है कि बिक्रम मजीठिया पर एफआईआर दर्ज होने के बाद मेरे इस्तीफे की पेशकश से न्याय हो गया है। इसके अलावा, सिद्धू लगातार अपने पंजाब मॉडल का मुद्दा उठा रहे हैं। वे सार्वजनिक मंचों पर आकर चन्नी सरकार के कई फैसलों पर सवाल खड़े कर चुके हैं। इसके बावजूद उन पर पार्टी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये सब साफ दिखाता है कि सिद्धू सीएम के चेहरे के लिए मजबूती के साथ अपना दावा ठोंक रहे हैं और सीएम चन्नी इस रेस में लगातार पिछड़ रहे हैं।

Punjab Election 2022: नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गाली दी, जानिए वो सवाल, जो नश्तर-सा चुभ गया

Punjab Election 2022: सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर पर हमला बोला, कहा- 'आज घर बैठे हैं और मोदी के तलवे चाट रहे'

सिद्धू ने बेअदबी वालों के लिए मांगी 'तालिबानी' सजा, बोले-ऐसे लोगों को सबके सामने फांसी पर चढ़ा दो

Read more Articles on
Share this article
click me!