Punjab कांग्रेस में बेबस हुए नवजोत सिंह सिद्धू, जिला अध्यक्षों के चयन में नहीं चली, समितियों से भी नजरअंदाज

Published : Dec 12, 2021, 12:17 PM ISTUpdated : Dec 12, 2021, 12:19 PM IST
Punjab कांग्रेस में बेबस हुए नवजोत सिंह सिद्धू, जिला अध्यक्षों के चयन में नहीं चली, समितियों से भी नजरअंदाज

सार

नवजोत सिंह सिद्धू ने बाबा बकाला रैली में कहा कि मैं एक शक्तिहीन अध्यक्ष हूं। मैं महासचिवों की नियुक्ति भी नहीं कर पा रहा। सिद्धू के इस बयान के बाद तमाम तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान सिद्धू के पर कतरने शुरू कर दिए हैं। 

चंडीगढ़ (पंजाब) : कभी कांग्रेस (congress) हाईकमान पर त्योरियां चढ़ाने वाले पंजाब (Punjab) कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) अब अलग-थलग दिखाई देने लगे हैं। उनकी बेबसी का अंदाजा उनकी बाबा बकाला रैली से लगाया जा सकता है। इस रैली को संबोधित करते हुए सिद्धू ने पंजाब सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि मैं एक शक्तिहीन अध्यक्ष हूं। मैं महासचिवों की नियुक्ति भी नहीं कर पा रहा। सिद्धू के इस बयान के बाद तमाम तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान सिद्धू के पर कतरने शुरू कर दिए हैं। 

जिला अध्यक्ष चयन में नहीं चली
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी मर्जी से पंजाब कांग्रेस के 29 जिला यूनिटों के लिए एक जिला प्रधान और 2 वर्किंग प्रधान की लिस्ट भेजी थी। जब यह लिस्ट कांग्रेस के पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी तक पहुंची तो पता चला कि सिद्धू ने अकेले ही इसे तैयार किया। इसमें लोकल MLA और सीनियर नेताओं की राय नहीं ली। सिद्धू मेरिट का तर्क देते रहे, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने लिस्ट रोक ली और इसकी जगह हर जिले में AICC के को-आर्डिनेटर लगाकर सिद्धू को झटका दे दिया। कहा जा रहा है कि सिद्धू चाहते थे कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) की ओर से नियुक्त 22 जिला अध्यक्षों को हटाया जाए और उनकी सौंपी लिस्ट के लोगों को नियुक्त किया जाए। लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।

सिद्धू के फैसले से नाखुश थे सुनील जाखड़
जानकारी मिल रही है कि सिद्धू ने जिस तरह से पुराने जिला अध्यक्षों को हटा दिया था, उससे सुनील जाखड़ नाखुश थे। उन्होंने इस मसले को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के सामने भी उठाया था। उन्होंने कहा था कि सिद्धू के मनमाने फैसलों से पार्टी के नेताओं में नाराजगी है। जाखड़ ने अपनी नाराजगी को इस ट्वीट के जरिए जाहिर किया था। उन्होंने लिखा था, कि तुम्हारा बंदर, तुम्हारा सर्कस। मैं इस कहावत को मानता है। दूसरों के शो में मैं न ही सुझाव देता हूं और न ही दखल देता हूं।

सिद्धू की तड़प
नवजोत सिद्धू भले ही पंजाब बचाने की बात करते हों, लेकिन पॉवर की तड़प नहीं छिपा पाते। सिद्धू ने कहा कि जिनके हाथ में आज बागडोर है, उन्हें चिट्‌टा (नशा) बेचने और गोलमाल करने वालों को अंदर करना चाहिए।। मैं आज से नहीं, बल्कि साढ़े 4 साल से मांग रहा हूं कि 4 दिन की ताकत मुझे दे दो। अगर जट्‌ट को ताकत दी होती तो जीजा-साला देश छोड़ देते। सिद्धू का यह निशाना अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया पर था। इससे पहले सिद्धू CM की कुर्सी को लेकर छटपटाहट दिखाते रहे हैं। कहा जा रहा है कि हाईकमान के इस फैसला के बाद पंजाब कांग्रेस में और कलह उभर सकता है।

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