
चंडीगढ़ : पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) से पहले कांग्रेस में मचे बवाल के बीच चन्नी सरकार के चार मंत्री दिल्ली (Delhi) पहुंच गए हैं। इनमें डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा, भारत भूषण आशु, परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग शामिल हैं। ये वहीं मंत्री हैं जो प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) से नाराज हैं और कई मौकों पर नसीहत भी दे चुके हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में उन्होंने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस के नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा न कि किसी के फेस पर। सिद्धू के खुद को सीएम फेस बताने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही चुनाव में चेहरा होगी।
आज शाम फाइनल हो सकते हैं कैंडिडेट्स
बता दे कि दिल्ली में आज शाम कांग्रेस स्क्रीनिग कमेटी की अहम बैठक है। इस बैठक में पार्टी हाईकमान विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट पर मुहर लगा सकती है। इसमें हिस्सा लेने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू भी आज शाम दिल्ली पहुंचेंगे। उससे पहले यह पूरा मामला हाईकमान को बताया गया है। बता दें कि सिद्धू इन दिनों लगातार पार्टी नेताओं के निशाने पर हैं।
पार्टी में कलह से हाईकमान नाराज
जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस हाईकमान ने राज्य में पार्टी में चल रहे गतिरोधों पर ऐतराज जताया है। आलाकमान इस वजह से भी नाराज है कि नेता पार्टी फोरम या हाईकमान के बजाय सीधे मीडिया में जाकर बयानबाजी कर रहे हैं। इसको लेकर ऐसे नेताओं को हिदायत भी दी गई है। बता दें कि सबसे पहले मंत्री भारत भूषण आशु ने सिद्धू के खिलाफ बयान दिए थे। उसके बाद रंधावा भी सिद्धू के रवैये को गलत बताया था और पद छोड़ने की पेशकश तक कर दी थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि फिलहाल चन्नी ही मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। किसी दूसरे चेहरे के बारे में चुनाव परिणाम के बाद पार्टी विधायक फैसला कर लेंगे। इस मीटिंग में रंधावा के सिद्धू के लिए गृह मंत्रालय छोड़ने की पेशकश के बारे में भी हाईकमान ने नोटिस लिया है। हालांकि इन नेताओं ने भी सिद्धू के रवैये की शिकायत की कि सरकार को लगातार निशाना बनाने से चुनाव में नुकसान हो सकता है।
सिद्धू के खिलाफ मोर्चा
बता दें कि दिल्ली पहुंचे मंत्री भारत भूषण आशु और उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा इन दिनों सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं। उन्होंने नसीहत दी है कि सिद्धू को कांग्रेस कल्चर के हिसाब से ही काम करना चाहिए। वह सिर्फ 'मैं' की बात करते हैं जबकि उन्हें पार्टी की बात करनी चाहिए। वहीं, मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग सिद्धू के करीबी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सिद्धू के पक्ष-विपक्ष के मंत्री हाईकमान की राय लेने पहुंचे थे ताकि चुनाव से पहले चेहरे के घमासान पर स्थिति स्पष्ट हो सके।
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