Punjab Election 2022: EC ने खिंची लक्ष्मण रेखा, लेकिन चुनावी कैंपेन बिगाड़ रहे Corona से हालात

राज्य में कोरोना की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 24 घंटे में 27 लोगों की जान चली गई है। 7,849 कोरोना के नए मामले भी सामने आए हैं। अकाली दल के सीनियर लीडर प्रकाश सिंह बादल कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2022 5:33 AM IST / Updated: Jan 20 2022, 11:05 AM IST

चंडीगढ़ :  देश में कोरोना संक्रमण लगातार पैर पसार रहा है। एहतयाती के तौर पर कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए जा रहे हैं। कई राज्यों में तरह-तरह की पाबंदियां भी लगा दी गई हैं लेकिन पंजाब (Punjab) में स्थिति दूसरी है। चुनाव की वजह से जो सख्ती लगाई गई है, वो बेअसर नजर आ रही है। मतदाता नाराज न हो, इसलिए नेता भीड़ का हिस्सा बनने पर मजबूर हो रहे हैं। नेता जानते हैं कि दो गज दूरी के फॉर्मूले से सत्ता की कुर्सी फिसल सकती है। इसलिए संक्रमण के हर तरह का जोखिम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं।

24 घंटे में 27 मौत
राज्य में कोरोना की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 24 घंटे में 27 लोगों की जान चली गई है। 7,849 कोरोना के नए मामले भी सामने आए हैं। अकाली दल के सीनियर लीडर प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) भी संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। 

नेता जहां जा रहे, वहां भीड़ जा रही
हेल्थ विभाग का कहना है कि अभी रैलियों पर रोक है। चुनाव आयोग भी सख्त है। भीड़ पर नजर रखी जा रही है। लेकिन इसके बावजूद भी जहां भी नेता जाते हैं, वहां भीड़ जाती है। पंजाब हेल्थ विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि चुनाव के वक्त हम क्या कह सकते हैं? कोई बात सुन ही नहीं रहा है। पुलिस चुनाव प्रबंध देखे या फिर लोगों को मास्क के प्रति प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि हमारी भी मजबूरी है। यह भी एक वजह है कि पंजाब में केस तेजी से बढ़ रहे हैं। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आएगा, वैसे वैसे संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है।

नेताओं के मास्क बांटने चाहिए
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि कोरोना के बीच चल रहे प्रचार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। होना तो यह चाहिए कि नेता ही इस दिशा में पहल करें, लेकिन वह ऐसा कर नहीं रहे हैं। सीनियर लीडर तक को संक्रमण हो रहा है। यह बड़ा रिस्क है, क्योंकि इस तरह से वह संक्रमण को न सिर्फ फैला सकते हैं बल्कि खुद की जान के लिए भी जोखिम पैदा कर रहे हैं। मेडिकल आफिसर डॉ. सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि होना तो यह चाहिए कि पंजाब के नेता खुद मास्क बांटे, जिस तरह से पहले बिल्ले और झंडे बांटे जाते थे। मतदाताओं के बीच प्रचार के दौरान नेता मास्क बांटे तो यह अच्छा प्रयोग हो सकता है। लेकिन नेता शायद ही इस ओर ध्यान देंगे। क्योंकि उनके एजेंडे में हेल्थ नहीं बस वोट है। यह स्थिति नेता और उसके मतदाता दोनो के लिए जान का जोखिम जरूर है।

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