पंजाब (Punjab) में विधानसभा चुनाव (assembly election 2022) से पहले कांग्रेस सरकार (Congress Government) लगातार बड़े फैसले ले रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjeet singh channi) ने राज्य की जनता को बड़ी राहत दी है। उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं का बकाया पानी बिल माफ करने का ऐलान किया है।
चंडीगढ़। चन्नी सरकार (Punjab Government) ने सभी ग्रामीण जलापूर्ति स्कीमों (water supply schemes) की सेवा दरों में 70 फीसदी की कटौती करने की मंजूरी दे दी है। ये निर्णय पंजाब कैबिनेट (Channi Cabinet) की बैठक में लिया गया। सरकार के फैसले से पंजाब पर करीब 1800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। अब राज्य के ग्रामीण और शहरी हिस्सों में पानी का शुल्क 50 रुपए महीना लगेगा। इसके अलावा, पंजाब सरकार ने बकाया पानी बिल माफ कर दिया है।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये प्रदेश सरकार की बड़ी घोषणा है। इसके अलावा चन्नी मंत्रिमंडल ने समूह-डी पदों के लिए नियमित आधार पर नियुक्तियां करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें चपरासी, चालक आदि शामिल हैं। कैबिनेट की बैठक के बाद सोमवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बताया कि सरकार पंजाब के लोगों को मुफ्त पानी और सीवरेज सुविधा मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है। मंत्रिमंडल ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के पानी के बिल का बकाया माफ करने का फैसला किया।
इन योजनाओं की सौगात मिली..
चन्नी सरकार की कैबिनेट ने सभी ग्रामीण जलापूर्ति स्कीमों की सेवा दरों में 70 प्रतिशत की कटौती करने की मंजूरी दे दी है। ग्रामीण जलापूर्ति स्कीमों के बिजली बिलों के 1168 करोड़ रुपये के बकाए का निपटारा करने के लिए बजटीय सहायता या अनुदान के द्वारा फंड मुहैया करवाने का फैसला भी किया गया। शहरी इलाकों में रह रहे लोगों को भी बड़ी राहत देते हुए सरकार ने नगर काउंसिल/नगर पंचायतों और नगर निगमों में 125 गज से अधिक के प्लॉट वाले सभी वर्गों के घरेलू कनेक्शनों के लिए पानी की प्रयोग दर घटाकर 50 रुपए प्रति माह करने का फैसला किया है।
सीएम ने ये कहा...
सीएम ने कहा- ‘हम सभी शहरों का 700 करोड़ रुपये का बकाया पानी माफ कर रहे हैं।’ कैबिनेट ने फैसला किया है कि राज्य सरकार जलापूर्ति ट्यूबवेल के बिजली बिल का भुगतान करेगी। उन्होंने कहा-गांवों में, पंचायतों के लंबित पानी के बिल भी माफ कर दिए जाएंगे। ये लगभग 1,168 करोड़ रुपए होंगे। मंत्रिमंडल ने समूह-डी पदों के लिए नियमित आधार पर नियुक्तियां करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें चपरासी, चालक आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री की ओर से यह भी घोषणा की गई कि वह राज्य में सीमा सुरक्षा बलों (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने के केंद्र के फैसले का विरोध करेगी। चन्नी ने कहा- मैंने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। यह पंजाब के अधिकारों का मुद्दा है। यदि आवश्यक हुआ तो हम सर्वदलीय बैठक भी बुलाएंगे।
दिल्ली चुनाव में भी बिजली-पानी का बिल चर्चा में था..
बता दें कि इससे पहले 2019 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी बिजली-पानी का मुद्दा चुनावी प्रचार में अहम था और अरविंद केजरीवाल ने 200 यूनिट तक बिजली फ्री देने के साथ पानी बिल को माफ किया था।