यह तस्वीर शर्मनाक है। अपना काम निकालने एक ठेकेदार ने दो बच्चों को गैरकानूनी तौर पर 5 फीट गहरे गटर में उतार दिया। बच्चों ने न गमबूट पहने थे और न हाथों में ग्लब्स। किसी हादसे की स्थिति में ऑक्सीजन का भी इंतजाम नहीं था।
चंडीगढ़. यह तस्वीर मोहाली के फ्रेंको होटल चौराहे से मैंगो गार्डन की ओर जाने वाली सड़क के एक गटर की है। यहां दो बच्चों को गटर साफ करने उतार दिया गया। जबकि यह कानूनी जुर्म है। बच्चे बगैर ग्लब्स पहने 5 फीट गहरे गटर में उतर गए। उन्होंने गमबूट भी नहीं पहने थे। वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर का भी इंतजाम नहीं किया गया था।
यह गटर वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन(डिविजन-1) की ओर जाने वाली लाइन का था। मामला सामने आने के बाद डीसी गरीश दयालन ने कहा कि बच्चों से ऐसे काम नहीं करवाए जा सकते। वे इस मामले की जांच कराएंगे और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी। बच्चों को अंधेरे में इस काम के लिए इस्तेमाल किया गया। बताते हैं कि फेज-1 के पार्षद ने गटर की सफाई कराने को कहा था। वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन(डिविजन-1) के प्रभारी मनमीत कुमार ने कहा कि गटर की सफाई का काम कई दिनों से चल रहा था। हालांकि पहले किसी ने शिकायत नहीं की। जब उन तक मामला पहुंचा, तो मौके पर जाकर जांच कराई गई, लेकिन तब तक बच्चों को वहां से हटा दिया गया था।
उधर, यह काम कराने वाली कंपनी भगवती इंटरप्राइजेज के ठेकेदार राजकुमार ने कहा कि यह मुंशी की गलती है। क्योंकि इससे पहले ऐसा मामला सामने नहीं आया है।