इतिहास में आज: अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में खत्म हुआ था आर्मी ऑपरेशन, हर जगह बिखरी पड़ी थी लाशें

अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को भिंडरावाले और उसके समर्थकों से आजाद कराने के लिए चलाया गया ऑपरेशन ब्लू स्टार आज ही के दिन 6 जून को खत्म हुआ था। इसमें सेना के 83 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस ऑपरेशन का जिम्मा मेजर जनरल कुलदीप बरार को सौंपा गया था। 

Operation Blue Star: 38 साल पहले आज ही के दिन अमृतसर के गोल्डन टेम्पल  (स्वर्ण मंदिर) को अलगाववादियों से आजाद कराने के लिए चलाया गया ऑपरेशन ब्लू स्टार खत्म हुआ था। 6 जून, 1984 को देर रात जरनैल सिंह भिंडरावाले (अलगाववादी नेता) की मौत के बाद लाश मिलने पर ऑपरेशन ब्लू स्टार खत्म कर दिया गया था। इसमें सेना के 83 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे, जिनमें से तीन सेना के अधिकारी थे। इसके अलावा 492 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 238 लोग घायल हुए थे। 

आखिर क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार और कौन था भिंडरावाला?
ऑपरेशन ब्लू स्टार को समझने से पहले अलगाववादी भिंडरावाला को जानना जरूरी है। जरनैल सिंह भिंडरावाला सिखों की धार्मिक संस्था दमदमी टकसाल का नेता था। उसकी विचारधारा बेहद कट्टर थी। धीरे-धीरे भिंडरावाला स्वर्ण मंदिर में बने अकाल तख्त में अपना हेडक्वार्टर बनाते हुए उस पर कब्जा कर लिया। भिंडरावाला का मकसद था कि हिंदू पंजाब छोड़ दें और उसे एक अलग देश बना दिया जाए। 

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क्यों चलाना पड़ा ऑपरेशन ब्लू स्टार?
दरअसल, उस समय भिंडरावाले और उसके समर्थकों ने पंजाब को भारत से अलग-थलग कर एक नए देश खालिस्तान बनाने की साजिश रची थी। धीरे-धीरे यह इनकी मांग जोर पकड़ने लगी थी। जब भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया तो उसे खत्म करने के लिए इसलिए ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया गया।

मेजर जनरल कुलदीप बरार की अगुआई में शुरू हुआ ऑपरेशन : 
1984 में इंदिरा गांधी की सरकार थी। 1 जून, 1984 को इंदिरा गांधी की सरकार ने स्वर्ण मंदिर को सेना के हवाले कर दिया। इसके बाद भिंडरावाला और उसके समर्थकों को वहां से हटाने के लिए सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू किया। इस ऑपरेशन का जिम्मा मेजर जनरल कुलदीप बरार को सौंपा गया था। 

भिंडरावाला की लाश मिलने के बाद खत्म हुआ ऑपरेशन : 
- ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत सेना ने सबसे पहले 3 जून को पाकिस्तान से लगने वाली भारतीय सीमा को सील कर दिया। इसके बाद स्वर्ण मंदिर परिसर में रहने वाले लोगों को बाहर आने के लिए कहा गया। 
- 5 जून तक सिर्फ 130 लोग ही बाहर निकले। इसे बाद इसी दिन शाम 7 बजे सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत एक्शन लेना शुरू किया। इसमें सेना और भिंडरावाला की तरफ से जमकर गोलीबारी हुई। 
- 6 जून की सुबह साढ़े 5 बजे फैसला लिया गया कि अकाल तख्त में छुपे भिंडरावाला के आतंकियों को बाहर निकालने के लिए टैंकों को अंदर ले जाना होगा। 6 जून को भी सुबह से लेकर शाम तक गोलीबारी होती रही। 
- बाद में 6 जून की रात ही सेना को भिंडरावाला की लाश मिली और इसी दिन ऑपरेशन ब्लू स्टार को खत्म करने का फैसला किया गया। 

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