कई लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने वाले इस लड़के का नाम विशाल है। जिसका कुछ दिन पहले सड़क हादसा हो गया था। डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई प्रयास सफल नहीं हुआ। जिसके बाद विशाल को डॉक्टरों ने ब्रेनडेड घोषित किया।
जयपुर (राजस्थान). मरने के बाद इंसान का ये हाड़-मांस का शरीर जलकर खाक हो जाता है। सिर्फ राख रह जाती है। लेकिन जाते-जाते हम अगर किसी को जिंदगी दे जाएं तो इससे बड़ा और कोई पुण्य नहीं। राजस्थान के जयपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक 14 साल लड़का अपने शरीर के अंगों को डोनेट करके चार लोगों को जीवनदान दे गया। यह लड़का जाते-जाते भी कई चेहरों पर मुस्कान बिखेर गया। पढ़िए दिल को छू जाने वाली ये कहानी...
बेटे की मौत के बाद माता-पिता ने दिल छू लेने वाला काम
दरअसल, कई लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने वाले इस लड़के का नाम विशाल है। जिसका कुछ दिन पहले सड़क हादसा हो गया था। डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई प्रयास सफल नहीं हुआ। जिसके बाद विशाल को डॉक्टरों ने ब्रेनडेड घोषित किया था। फिर उसके माता-पिता ने अपने बेटे के अंगो को दान करने का फैसला लिया। विशाल की दोनों किडनी को जयपुर के SMS अस्पताल में जबकि लिवर को महात्मा गांधी अस्पताल में मरीज को प्रत्यारोपित किया गया। वहीं, हार्ट, लंग्स को चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में विशेष चार्टर प्लेन से भिजवाया गया है।
किसी को दिल तो किसी को दे गया किडनी
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने बताया कि हमारी डॉक्टरों की टीम ने विशाल के डोनेट किए गए सभी अंगों को जरुरतमंद लोगों को दान किए गए हैं। दोनों किडनी में से एक जयपुर के 50 साल के युवक तो दूसरी कोटा के 46 साल के व्यक्ति को लगाई गई गई। इसके अलावा उसका लिवर जयपुर के 35 साल के युवक को प्रत्यारोपित किया गया है। साथ ही विशाल के हार्ट व लंग्स को चेन्नई भेजकर वहां के अपोलो हॉस्पिटल में 46 साल की महिला को प्रत्यारोपित किया गया।
26 जनवरी को हुआ था भीषण एक्सीडेंट
विशाल का 26 जनवरी को एक्सीडेंट हुआ था। वह अपने तीन दोस्तों के साथ बाइक से कहीं जा रहा था, इसी दौरान उसने सामने से आ रही बस को देखते हुए अचानक ब्रेक लगा दिए। जिसके चलते वह अपना कंट्रोल खो बैठा और बस से जा टकराया। हेलमेल नहीं पहनने की वजह से उसके सिर और मुंह में गंभीर चोट आ गई थी। जिसके बाद परिजनों ने उसे SMS अस्पताल में भर्ती कराया। करीब पांच दिन उसका आईसीयू में इलाज चला, लेकिन वह फिर भी होश में नहीं आया। इसके बाद डॉक्टरों ने ब्रेनडेड घोषित कर दिया था।