जेल में अकसर कैदी चीजें छुपाकर ले जाते हैं। ज्यादातर पकड़े जाते हैं, तो कुछ बच निकलते हैं। लेकिन इसमें रिस्क बहुत होती है। इसलिए इस कैदी ने एक नहीं, 4 मोबाइल अपने प्राइवेट पार्ट में छुपाकर रख लिए। दरअसल, समय-समय पर जेल में चेकिंग होती है। उस दिन भी चेकिंग हो रही थी। इसी से बचने कैदी ने ऐसा किया। लेकिन इस हरकत से पेट में ऐसा तेज दर्द उठा कि उसे अस्पताल लेकर जाना पड़ा। वहां इस घटना का पता चला।
जोधपुर, राजस्थान. जेल में चोरी-छुपे चीजें ले जाने या किसी के देने के बाद उन्हें छुपाना कैदियों के लिए आसान नहीं होता। क्योंकि जेल में समय-समय पर चेकिंग (Checking) होती है। ऐसे में पकड़े जाने का डर बराबर बना रहता है। इस कैदी ने इस से बचने एक नहीं, 4 मोबाइल अपने प्राइवेट पार्ट (Private part) में छुपाकर रख लिए। लेकिन इस हरकत से पेट में ऐसा तेज दर्द उठा कि उसे अस्पताल लेकर जाना पड़ा। वहां इस घटना का पता चला। मामला सेंट्रल जेल से जुड़ा है। एमडीएम अस्पताल में ऑपरेशन करके कैदी के प्राइवेट पार्ट से ये मोबाइल निकाले गए। यह घटना मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं, जेल प्रबंधन हैरान है।
नाबालिग से कुकर्म के इल्जाम में मिली है सजा
32 वर्षीय कैदी देवाराम बाड़मेर का रहने वाला है। उसे एक नाबालिग के साथ कुकर्म करने के इल्जाम में पोक्सो एक्ट में 10 साल की सजा हुई थी। गुरुवार रात उसके पेट में तेज दर्द उठा, तब उसे जेल परिसर में बने अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां, डॉक्टर को उसने प्राइवेट पार्ट में मोबाइल छुपा रखे हैं। इसके बाद उसकी सोनोग्राफी की गई। कैदी को शुक्रवार सुबह एमडीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां देर शाम ऑपरेशन करके मोबाइल निकाले गए।
सूत्रों के अनुसार, माना जा रहा है कि जेल में सामग्री पहुंचाने वाले ठेकेदार द्वारा ये मोबाइल पहुंचाए गए। अब इस मामले की जांच की जा रही है।