काशी-मथुरा के बाद अब अजमेर शरीफ के मंदिर होने का दावा, महराणा प्रताप सेना बोली दरगाह में स्वास्तिक कैसे?

काशी-मथुरा का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब राजस्थान स्थित अजमेर की दरगाह के मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। ये दावा महराणा प्रताप सेना की ओर से किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अजमेर की दरगाह पर स्वास्तिक और कई हिंदू प्रतीक मिले हैं।

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2022 9:57 AM IST / Updated: May 26 2022, 03:29 PM IST

Ajmer Dargah Controversy: काशी-मथुरा का विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ कि अब राजस्थान की अजमेर स्थित दरगाह के मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। बता दें कि ये दावा महराणा प्रताप सेना की ओर से किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अजमेर की दरगाह पहले एक शिव मंदिर थी। दरगाह की खिड़कियों पर स्वास्तिक के निशान मिले हैं और किसी भी इस्लामी धर्मस्थल पर स्वास्तिक कैसे हो सकता है। बता दें कि महराणा प्रताप सेना के संस्थापक राजवर्धन परमार के ट्विटर पर स्वास्तिक की एक फोटो भी शेयर की गई है। हालांकि, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि ये तस्वीर अजमेर दरगाह की ही है।

राजस्थान के सीएम गहलोत को लिखी चिट्ठी : 
महराणा प्रताप संगठन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को भी इस बारे में पत्र लिख है। इसके साथ ही उन्होंने इसकी जांच कराने की अपील की है। महराणा प्रताप सेना के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार ने दरगाह के हिंदू मंदिर होने का दावा करते हुए अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी है। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति और राजस्थान के राज्यपाल को भी इस संबंध में पत्र भेजा है।

ASI से सर्वे कराने की मांग : 
इसमें उन्होंने कहा- अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह प्राचीन हिंदू शिव मंदिर है। वहां की दीवारों और खिड़कियों में स्वास्तिक एवं हिंदू धर्म से संबंधित अन्य चिन्ह मिले हैं। अत: हम अनुरोध करते हैं कि भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा इसका सर्वे कराया जाए। इससे इस बारे में और अधिक पुख्ता सबूत मिल जाएंगे। महराणा प्रताप सेना के प्रमुख परमार ने कहा कि अगर इसकी जांच नहीं कराई गई तो हम आंदोलन करेंगे। 

कई जानी-मानी हस्तियां जा चुकीं अजमेर शरीफ : 
बता दें कि राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है और इसे ही अजमेर शरीफ कहते हैं। यह राजधानी जयपुर से करीब 135 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों के बीच बसे अजमेर में स्थित है। इस दरगाह पर मुस्लिमों के अलावा हिंदू धर्म के लोग भी जाते हैं। ख्वाजा की दरगाह पर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, बराक ओबामा सहित कई जानी-मानी हस्तियां जा चुकी हैं। 

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