कुदरत के कहर का ऐसा पड़ा की पिता की पगड़ी पहनते ही, 6 साल के मासूम के ऊपर आई तीनों की जिम्मेदारी

6 साल के लेखराज ने पहनी पिता की पगड़ी तो रो पड़ा पूरा शहर, पिता के साथियों ने 12वीं के दिन दिए 10 लाख। अलवर के राजगढ़ में 12 दिन पहले सड़क हादसे में माता-पिता और दादा-दादी की हुई थी मौत।

Sanjay Chaturvedi | Published : May 26, 2022 2:52 PM IST

अलवर.राजस्थान के अलवर शहर में स्थित राजगढ़ कस्बे में आज आज पिता के बाहरवें दिन लेखराज को उनकी पगड़ी पहनाई गई तो राजगढ़ कस्बे सहित  पूरे अलवर शहर की आंखें नम हो गई । सोशल मीडिया पर यह वीडियो इतने वायरल हुए कि लोग अपने आंसू नहीं रोक सके। कुदरत का कहर 6 साल के लेखराज के ऊपर ऐसा बरपा कि जिसके कारण देखते ही देखते  वह बड़ों की श्रेणी में आ बैठा। 6 साल के मासूम लेखराज पर अब 8 साल की चेतना और 4 साल की काजल की जिम्मेदारी है। दोनों उसकी बहने है।  

ऐसा कहर बरपाया था कुदरत ने
दरअसल अलवर शहर के राजगढ़ में आज से ठीक 12 दिन पहले एक ट्रक ने ऑटो में सवार हरिराम उनकी पत्नी उनका बेटा डब्लू और बहू मीरा को कुचल दिया था । डब्लू के तीन बच्चे हैं। जिनमें सबसे बड़ी बेटी 8 साल की चेतना से 6 साल का लेखराज और 4 साल की काजल है। हरिराम और डब्लू टेंट का काम करते थे। इस हादसे के बारे में जब उनके सहयोगियों और साथ काम करने वाले लोगों को पता चला तो अलवर से लेकर जयपुर तक जैसे मदद करने की होड़ सी मच गई । 


10 दिन के अंदर ही इकट्ठा की रकम
सिर्फ 10 दिन के भीतर टेंट डीलर एसोसिएशन के पदाधिकारियों और साथ ही व्यापारियों ने 10 लाख जुटा भी लिए। 10 लाख की रकम की तीन एफडी (fixed deposit) कर तीनो भाई बहन में बराबर बांटी गई है। इस एफडी के दस्तावेज आज पिता के बाहरवें के दिन लेखराज और उनके परिवार के सदस्यों को सौंपे गए हैं। 

टेंट डीलर ने कहा कि इतने की उम्मीद भी नहीं थी
टेंट डीलर्स एंड डेकोरेशन सोसाइटी के अध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि पहले 1 लाख की मदद करने का प्रस्ताव आया था लेकिन जब पता चला कि तीन बच्चे हैं तो एक लाख से कब 10 लाख हो गए पता ही नहीं चल सका। यह 10 लाख की रकम एक छोटी सी मदद है। अध्यक्ष ने आगे कहा कि लेकिन उसके बाद भी अगर तीनों बच्चों को किसी अन्य तरीके की समस्या होती है तो वह उनका समाधान करेंगे और लगातार उनके संपर्क में रहेंगे।

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