बेटी को न्याय दिलाने के लिए पिता ने चिता से निकलवाया अधजला शव, 5 साल बाद हुई उनकी कोशिश सफल

दहेज के लिए अपने पति द्वारा किए गए अन्याय का बदला लेने के लिए पिता ने लड़ी पांच साल की लड़ाई, और दिलाया न्याय जाने ये है पूरा मामला

Sanjay Chaturvedi | Published : May 26, 2022 1:27 PM IST

भरतपुर. जिले के बयाना क्षेत्र में 5 साल पहले एक अजीब मामला सामने आया था जब  एक व्यक्ति की शिकायत पर जलती चिता से महिला का अधजला शव बाहर निकाला था। वह शख्स कोई और नहीं मृतका का पिता था। जिसने दामाद के खिलाफ बेटी की हत्या करने का मामला दर्ज कराया था। पांच साल तक पिता अपनी मृतका बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ता रहा। अब पांच साल बाद उसकी इस लड़ाई का फल मिल ही गया जब आज गुरुवार को हत्यारे पति को न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 5 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।

जलती चिता से निकाला था शव

करौली जिले के सूरौठ निवासी मदनलाल जोगी की बेटी हेमा की शादी बयाना के नाम रसेरी निवासी राकेश पुत्र हंसे के साथ हुई थी। 15 मार्च 2017 को पति राकेश और उसके परिजनों ने दहेज की मांग को लेकर हेमा की हत्या कर दी। इसके बाद गुपचुप तरीके से मृतका का अंतिम संस्कार करने की कोशिश की। लेकिन इसकी सूचना मिलते ही मृतका का पिता मदनलाल, बेटी की ससुराल रसेरी पहुंचा। यहां बेटी की चिता जल रही थी। उसने अपनी बेटी के साथ हुई घटना की सूचना पुलिस को दी। जानकारी पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हेमा के अधजले शव को चिता से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम कराया। मृतका हेमा के पिता मदनलाल ने बयाना थाने पर दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया।

अब मिला इंसाफ

पांच साल तक पिता अपनी मृतका बेटी को न्याय और आरोपी दामाद को सजा दिलाने के लिए लड़ता रहा। गुरुवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायालय क्रम संख्या 2 बयाना के जज संतोष कुमार अग्रवाल ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी पति राकेश को दहेज हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

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