गांधी जयंती पर सीएम अशोक गहलोत की गांधीगीरी, अपने खिलाफ बयान देने वाले विधायकों को बोल दी ऐसी बात

रविवार को गांधी जयंती के मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे। सवाल जवाबों के दौर के बीच कुछ अटपटे सवालों का जवाब मुख्यमंत्री ने गांधीगिरी के अंदाज में दिया । 

Ujjwal Singh | Published : Oct 2, 2022 10:23 AM IST

जयपुर.  रविवार को गांधी जयंती के मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जब मीडिया ने बातचीत की तो उन्होंने इस दौरान मीडिया को पूरा समय दिया। सवाल जवाबों के दौर के बीच कुछ अटपटे सवालों का जवाब मुख्यमंत्री ने गांधीगिरी के अंदाज में दिया । 

दरअसल राजस्थान में सियासी संकट के चलते गहलोत और पायलट खेमे के विधायकों के बीच आपस में बयान बाजी का दौर चल रहा है। पायलट गुट के विधायकों ने गहलोत गुट के नेताओं विधायकों को दलाल तक कहा। एक विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शांति धारीवाल को डोकरा कहा । एक अन्य विधायक दिव्या मदेरणा ने तो यहां तक कह दिया कि महेश जोशी और शांति धारीवाल गद्दार है । मुख्यमंत्री तक के लिए कहा था कि उन्होंने मुट्ठी भर बाजरे के लिए दिल्ली की बादशाही छोड़ दी। पायलट गुटके नेता चाकसू विधायक गहलोत गुट के कुछ नेताओं को दलाल कह चुके हैं। इन्ही सब मामलों को लेकर पत्रकार अशोक गहलोत को सवालों में घेरने की कोशिश कर रहे थे। 

खुद की पार्टी के ही विधायक क्या बोल रहे सवाल पर बोले गहलोत 
आपकी पार्टी के ही विधायक आपके खिलाफ अभद्र बयानबाजी कर रहे के सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐसा जवाब दिया कि सब आवाक रह गए। सीएम बोले मेरे पास 102 विधायक हैं। मैं उनका अभिभावक हूं । पिता की यही भूमिका है कि वह जिम्मेदारी से काम ले ,बच्चों को धोखा नहीं दे । सीएम ने यहां तक कहा कि 102 विधायकों ने उनकी सरकार बचाई है । उनके साथ विश्वासघात नहीं कर सकता। विधायकों के लिए उन्होंने कहा कि जब सरकार गिराने का समय आया था तो इन्हीं विधायकों ने मदद की थी। कुछ समय बाड़े बंदी में रहे। लेकिन सरकार बचा ली थी । 

पार्टी हाईकमान से माफी मांगने के सवाल पर गहलोत का बड़ा खुलासा 
सीएम गहलोत बोले सियासी संकट के समय मेरे विधायकों ने मेरा साथ दिया था मैं उस समय को नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा की मैं उनके साथ धोखा नहीं कर सकता था, इसलिए मैंने पार्टी आलाकमान से माफी मांगी और राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए हाथ जोड़ लिए। उनसे यही निवेदन किया था कि मैं हर फैसला मान लूंगा लेकिन फिलहाल क्षमा करें । 

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