राजस्थान में टूरिस्ट को प्रमोर्ट करने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने एक स्पेशल योजना शुरू की है। जिसके तहत एक फोन करने पर अब हैलिकॉप्टर आपको लेने आएगा। शुरुआत जैसलमेर से आज की गई है और एक साल में प्रदेश के पांच शहरों को कवर करने की स्कीम है।
जैसलमेर (राजस्थान). हैलीकॉप्टर में बैठना...शहर घूमना...उपर से फोटो खींचना, शीशे से निहारना...। नेताओं या अमीर लोगों को ही अब तक आपने ये करते देखा होगा। लेकिन राजस्थान में अब ऐसा नहीं होगा। जैसलमेर शहर में एक नई स्कीम शुरु की गई है, राजस्थान सरकार की ओर से। इस स्कीम के तहत वे लोग जो जैसलमेर के आसमान में घुमना चाहते हैं और उपर से नीचे के नजारे निहारना चाहते हैं वे चंद रुपए देकर ऐसा कर सकते हैं।
जानिए क्यों राजस्थान सरकार ने शुरू की यह स्कीम
दरअसल, आरटीडीसी ने ये स्कीम शुरु की है राजस्थान में। शुरुआत जैसलमेर से आज की गई है और एक साल में प्रदेश के पांच शहरों को कवर करने की स्कीम है। इसे सरकार ने जॉय राइड नाम दिया है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ ने बताया कि राजस्थान में टूरिस्ट को प्रमोट करने के लिए सरकार कई कदम उठाने की तैयारी कर ही है। आज से जॉय राइड शुरु कर दी गई है। जैसलमेर से शुरु होने वाली इस सेवा का आज सीएम और पर्यटक मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने वर्चुअल उद्घाटन किया है। राठौड ने बताया कि अपने तरह का यह नया अनुभव है। अब तक लोगों ने वैष्णों देवी के मंदिर में ही हैलीकॉप्टर का आनंद लिया होगा, लेकिन अब राजस्थान में इसे शुरु कर दिया गया है।
कितने का होगा टिकट, कैसे मिलेगा मौका...सब जानिए
इसका किराया फिलहाल सात हजार रुपए प्रति व्यक्ति रखा गया है। एक बार की राइड में आठ से दस लोगों को मौका दिया जाएगा। लॉटरी सिस्टम और बुकिंग स्कीम के तहत यह जॉय राइड पा सकेंगे। जैसलमेर में कितना एरिया इससे घुमाया जाएगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं दी गई हैं। कलक्टर टीना डाबी ने कहा कि सभी तरह की अनुमति पहले ही क्लीयर कर ली गई हैं। जैसलमेर में हर साल हजारों की संख्या मे टूरिस्ट आता है, जैसलमेर को सरकार की इस जॉय राइड से फायदा होगा, यह तय है। उम्मीद है इसे जल्द ही अन्य शहरों में भी शुरू किया जाए....। राजस्थान में इस तरह की राइड का सिस्टम फिलहाल कहीं नहीं हैं। निजी लोग हैलीकॉप्टर बुक कराते हैं तो ऐसे में तीन से पांच लाख रुपए प्रति घंटा तक किराया देय होता है। उसके लिए एक लंबी प्रक्रिया भी पूरी करनी होती है।