जिस लड़के के 12वीं में केवल 48 % आए, उसने RPSC में टॉप कर साबित कर दिया कि मेहनत से कुछ भी पा सकते है

Published : Oct 21, 2022, 10:56 AM ISTUpdated : Oct 21, 2022, 11:01 AM IST
जिस लड़के के 12वीं में केवल 48 % आए, उसने RPSC में टॉप कर साबित कर दिया कि मेहनत से कुछ भी पा सकते है

सार

राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा लेक्चर एग्जाम में इस युवक ने पूरे राज्य में टॉप किया। जहां उसे 12वीं की परीक्षा में थर्ड डिवीजन आए उसने अपनी मेहनत से यह  साबित कर दिया की लगन बड़ी हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। आज इस खबर में पढ़िए पूरी सक्सेस स्टोरी। 

बारमेर. हाल ही में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा जारी संस्कृत लेक्चरर परीक्षा परिणाम में बाड़मेर के एक छोटे से गांव के रहने वाले एक युवक ने पूरे राजस्थान में टॉप किया है। युवक को पूरे राजस्थान में पहली  रैंक मिली है। हम बात कर रहे हैं बाड़मेर के छोटे से गांव कापराऊ के कानाराम मेघवाल की। जो एक किसान परिवार में जन्मे थे। 

12वीं में थर्ड, आरपीएससी में किया टॉप
कानाराम के 12वीं कक्षा में महज 48% ही आए थे। लेकिन उनका मन हमेशा से सरकारी नौकरी करना ही था। बस इसी बात को कानाराम ने हमेशा दिमाग में रखा। और दसवीं के बाद की पढ़ाई के साथ साथ लगातार सरकारी नौकरी की तैयारी भी शुरू कर दी। पढ़ाई में डिस्टर्ब नहीं हो इसके लिए गांव और रिश्तेदारों में होने वाले शादी सहित अन्य कार्यक्रमों में जाना तक बंद कर दिया। कानाराम ने अपनी स्कूलिंग भी सरकारी स्कूल और सरकारी कॉलेज से ही की है। कॉलेज में कानाराम प्राइवेट स्टूडेंट थे।

लगातार पा रहे सरकारी नौकरी
यह पहला मौका नहीं है जब कानाराम की सरकारी नौकरी लगी हो। इसके पहले 2007 में B.Ed पूरी करने के बाद उसी साल कानाराम का सिलेक्शन थर्ड ग्रेड में हो गया। हालांकि उन्हें उस समय B.Ed की डिग्री नहीं मिली थी ऐसे में उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई। इसके बाद 2 साल बाद तुरंत एक बार फिर कानाराम का चयन थर्ड ग्रेड टीचर के लिए हुआ। फिर 2010 में वरिष्ठ अध्यापक की संस्कृत के कानाराम टॉपर बने। 2016 में संस्कृत व्याख्याता के पद पर प्रमोशन हुआ। 2017 में स्कूल व्याख्याता सीधी भर्ती में सिलेक्ट हुए। हालांकि पहले से ज्यादा होने पर उन्होंने बांसवाड़ा जाकर ड्यूटी ही ज्वॉइन नही की।

हालात कैसे भी हो सुधारना हमारे हाथ में
इस पूरे मामले में कानाराम का कहना है कि हम किन हालातों में यह पैदा होते हैं यह हमारी गलती नहीं है। लेकिन हम हमारे बनाए हुए खराब हालातों में यदि रहते हैं तो यह हमारी गलती होती है। जिंदगी मौके सबको देती है। बस हमें उसे मौके को ध्यान में रखकर किसी काम को पूरा करने के लिए मेहनत से जुट जाना चाहिए।

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