अलवर के CGST के सुपरिटेंडेंट व इंस्पेक्टर 4 लाख की रिश्वत राशि के साथ भरतपुर से गिरफ्तार, एसीबी की कार्रवाई

राजस्थान में एसीबी लगातार करते हुए किसी न किसी सरकारी कर्मचारियों को रंगे हाथों अरेस्ट कर रही है ताजा गिरफ्तारी में सीजीएसटी के अलवर अधीक्षक और निरीक्षक का नाम आया। जिन्हे 9 करोड़ के फर्जी स्टॉक बताने के लिये 4 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jun 14, 2022 5:36 PM IST

भरतपुर.शहर में मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर (cgst) अलवर के सुपरिटेंडेंट और इंस्पेक्टर को एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में 4 लाख की रिश्वत राशि ले जाते गिरफ्तार किया है। एसीबी टीम ने आरोपियों को भरतपुर शहर के रीको रोड सीएनजी पम्प के पास रेंज हाथों दबोचा है। आरोपियों से रिश्वत राशि बरामद कर ली है।

9 करोड़ का फर्जी स्टॉक बताकर की 10 लाख की मांग
जानकारी के अनुसार सीजीएसटी अलवर का अधीक्षक धनराज कुमावत एवं निरीक्षक विनय ने भरतपुर के रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक ऑइल मिल पर 9 करोड रुपए का फर्जी स्टॉक बताकर मालिक को धमका कर 10 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। रिश्वत नहीं देने पर परिवादी के विरूद्ध केस बनाकर गिरफ्तार करने की धमकी दी। शिकायतकर्ता की तरफ से अपनी ऑइल मिल के कागजात पेश करने पर दोनों आरोपियों ने पीड़ित के साथ चार लाख रुपए में सौदा तय किया। 

एसीबी भरतपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश मीणा ने बताया कि समय का अभाव होने व मौके पर दोनों अधिकारियों के मौजूद होने के कारण परिवादी ने उक्त घटना की सूचना मोबाईल के जरिए ब्यूरो कार्यालय स्टाफ को दी। टीम से बातचीत और आवश्यक हिदायत के बाद परिवादी ने चार लाख रुपए दोनों आरोपियों को सौंप दिए।

एसीबी ने रिश्वत ले जाते समय पकड़ा दोनो आरोपियों को
शिकायत करने वाले की सूचना के आधार पर आरोपियों की कार स्विफ्ट डिजायर ( आर जे 02 टी ए 3356) को सीएनजी पम्प रीको रोड भरतपुर के पास रुकवाकर चैक किया गया, तो उनके पास से चार लाख रुपए गाड़ी में मिले। साथ ही मौके पर पीड़ित के रहने पर व कार्यवाही करने की एप्लीकेशन दिखाने व मांगी गई रकम चार लाख की रिश्वत राशि को गाडी से बरामद कर लिया। आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही के दौरान टीम में रीडर हरमान सिंह, कांस्टेबल विनोद सिंह, रितेश कुमार, गम्भीर सिंह, परसराम, गोकुलेश, उमाशंकर, दीपक कुमार, वरिष्ठ सहायक पुष्पेन्द्र सिंह, कांस्टेबल चालक मनोज व इंडिपेंडेंट गवाह मौजूद रहे।

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