अपराधिक मामलों के लिए फेमस भरतपुर के मेवात जिले से एक युवक ने आईएएस बनकर न सिर्फ अपना बल्कि अपने जिले का नाम रोशन किया है साथ ही वहां शिक्षा के लिए आशा की किरण फैलाने की कोशिश की है।
भरतपुर.जिले का मेवात क्षेत्र का नाम दिमाग में आते ही ऑनलाइन ठगी, लूटपाट, बाइक चोरी जैसे अपराधों की तस्वीर उभर आती है। लेकिन अब मेवात क्षेत्र में शिक्षा की छोटी सी किरण नजर आने लगी है। यहां का एक युवा अब आईएएस बनकर क्षेत्र की सुखद तस्वीर का उदाहरण बनकर उभरा है। जिले के मेवात क्षेत्र के गांव रूंध निवासी आईएएस जब्बार खान की एक फोटो इन दिनों तेजी से वायरल हो रही है। फोटो में जब्बार खान ने अपने बुजुर्ग पिता को अपने डाक विभाग के कार्यालय में अपनी कुर्सी पर बैठा रखा है, मां पास वाली कुर्सी पर और खुद उनके पीछे खड़े हैं। जब्बार द्वारा अपने माता पिता को दिया गया यह सम्मान खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। साथ ही इससे ये साफ हो गया है की मेवात का युवा अब धीरे धीरे अपराध के अंधकार से निकलकर शिक्षा की रोशनी की उंगली पकड़कर आगे बढ़ाने लगा है।
जानिए कौन है जब्बार खान
असल में रूंध गांव निवासी जब्बार खान अलवर में डाक विभाग में सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पोस्ट ऑफिस (एसएसपी) पद पर कार्यरत हैं। बीते दिनों जब्बार के पिता ट्रीटमेंट के लिए अलवर गए थे। तब जब्बार खान अपने पिता को अपने ऑफिस ले गए थे। यहां पर सम्मान के लिए उन्होंने पिता को अपनी कुर्सी पर और मां को उनके बगल में बैठकर फोटो लिया था। यह फोटो इन दिनों वायरल हो रही है।
कड़ी मेहनत से पाई सफलता
जब्बार खान ने 11वीं तक की पढ़ाई मेवात के माहौल में अपने गांव में ही की। उसके बाद 12 वीं में पढ़ने के लिए सीकर चले गए। यहां संगत और गाइडेंस ने जब्बार की दिशा बदल दी। 12 वीं के बाद भारतीय नौसेना में चयनित हो गए। लेकिन गए नहीं। स्नातक की पढ़ाई अलवर और स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से की। इसके बाद असिस्टेंट रेलवे मास्टर और फिर आरपीएससी से असिस्टेंट प्रोफेसर में चयन हुआ। यूपीएससी के माध्यम से रेलवे में असिस्टेंट रेलवे कमिश्नर के रूप में चयनित हुए और उसके बाद 2017 में इंडियन पोस्टल सर्विस मिली। जब्बार खान ने कड़ी मेहनत से एक के बाद एक चार अलग अलग सफलताएं हासिल कीं।
अब युवाओं के आदर्श
मेवात के माहौल में रहकर भी सफलता हासिल करने वाले जब्बार खान अब वह क्षेत्र के युवाओं के लिए आदर्श बन गए हैं। जब्बार अपने क्षेत्र के पढ़ने वाले युवाओं को नई दिशा दे रहे हैं। होनहार बच्चों को गाइड करते हैं। कई जरूरतमंदों को जब्बार आर्थिक मदद भी करते हैं।