संत की दुर्दशा...भरतपुर में खुद को आग लगाने वाले साधु को लेकर आई बड़ी खबर, डॉक्टर और अफसर सब दौड़े

Published : Jul 21, 2022, 01:25 PM ISTUpdated : Jul 21, 2022, 01:32 PM IST
 संत की दुर्दशा...भरतपुर में खुद को आग लगाने वाले साधु को लेकर आई बड़ी खबर, डॉक्टर और अफसर सब दौड़े

सार

भरतपुर में पहाड़ को बचाने के लिए खुद को आग लगाने वाले संत विजय दास की हालत और ज्यादा बिगड़ गई है। उन्हें जयपुर से दिल्ली शिफ्ट किया जा रहा है। उन्हें सड़क मार्ग से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल ले जाया जा रहा है।

भरतपुर (राजस्थान). 85 फीसदी तक झुलसे संत की जान पर आफत बनी हुई है। संत विजय दास को लेकर जयपुर से अचानक बड़ी खबर सामने आई है। संत विजय दास को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां से अब उन्हें कुछ देर पहले अचानक दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया है। उन्हें ऐसी हालत में सड़क मार्ग से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जाया जा रहा है। संत की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। 

पहले एयर लिफ्ट करने की बात थी, फिर सड़क मार्ग से ले जाना तय हुआ 
दरअसल जयपुर में इलाज के दौरान भी संत की सेहत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें दिल्ली रेफर करने की तैयारी कर ली गई। एसएमएस अस्पताल के प्लास्टि सर्जरी वार्ड के एचओडी आरके जैन समेत अन्य सीनियर डॉक्टर्स की टीम ने यह तय किया कि बाबा को दिल्ली रेफर किया जा सकता है। पहले बाबा को एयर लिफ्ट करते हुए दिल्ली ले जाने की तैयारी थी लेकिन कुछ देर के बाद बाबा को जब बाहर लाया गया तो उन्हें सड़क मार्ग से दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया। 

बाबा के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है भरतपुर पुलिस 
उधर बाबा विजय दास के खिलाफ भरतपुर पुलिस केस दर्ज कर चुकी है। भरतपुर के खोह थाने में बाबा विजय दास और उनके साथ नारायण दास पर सुसाइड़ के प्रयास का केस आज दर्ज किया गया है। बाबा विजय दास ने बुधवार दोपहर खुद को आग लगा ली थी और बाबा नारायण दास ने खुद को करीब पैंतीस घंटे के लिए टावर पर कैद कर लिया था। इस कारण दो दिनों तक डीग समेत पांच तहसीलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया था।

डॉक्टर बोले-रिकवरी के चांस बेहद कम
जयपुर के एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों की मानें तो बर्न के सेज में तीस फीसदी से ज्यादा झुलसने के बाद ही रिकवरी होना बेहद मुश्किल है। ऐसे में जिन संत को लाया गया है वे तो गंभीर रूप से झुलसे हैं और साथ ही उम्र ज्यादा होने के कारण रिकवरी के चांस भी बेहद कम हैं। उनका कहना है कि पेट और कमर के पास से तो शरीद के अंदरूनी अंगों तक आग पहुंच चुकी थी। शरीर पर इतनी स्कीन बची ही नहीं कि किसी तरह से प्लास्टिक सर्जरी की जा सके। 

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