भरतपुर में साधु ने खुद को आग लगाई तो हिल गई राजस्थान सरकार, सीएम अशोक गहलोत ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

राजस्थान के भरतपुर जिले में एक साधु की आग लगाकर सुसाइड करने से राजस्थन सरकार और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इसको लेकर जयपुर में मुख्यमंत्री निवास में अशोक गहलोत ने खनन विभाग के अफसरों समेत गृह विभाग की बैठक बुलाई है। 

भरतपुर (राजस्थान). भरतपुर में पर्वत बचाने के लिए चल रहे आंदोलन के बीच आज उस समय माहौल गरमा गया जब एक संत ने खुद को आग लगा ली। राधे-राधे कहते हुए संत मैदान में दौड़ने लगे तो कंबल और कपड़ा लेकर पुलिस ने उनकी जान बचाई।  उन्हें 60 फ़ीसदी तक झुलसी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 65 वर्षीय साधु विजय दास बाबा की हालत गंभीर बनी हुई है । वे करीब 60 फ़ीसदी तक झुलस गए हैं। लेकिन इस आत्मदाह की कोशिश के बाद सरकार में हलचल शुरू हो गई है। 

मुख्यमंत्री आवास पर बैठकों का दौर शुरू 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खनन विभाग के अफसरों समेत गृह विभाग एवं अन्य विभागों की बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री आवास पर दोपहर ढाई बजे से यह बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। इससे पहले खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भी एक बयान सार्वजनिक किया है। उनका कहना था कि सरकार पूरी प्रक्रिया के तहत लीज देती है,  पूरी प्रक्रिया के तहत ही उसे हटाया जा सकता है । लेकिन कहीं ना कहीं लापरवाही हुई है यह भी संभव है कि लीज को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सके।  फिलहाल सभी जांच के विषय हैं और तमाम पहलुओं की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। 

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साथी को जलता देख 35 घंटे बाद नीचे उतरे नारायण दास 
दरअसल भरतपुर में पिछले 551 दिन से एक धरना प्रदर्शन जारी है । साधु संतों की पूरी टोली इस धरने प्रदर्शन में रहती है।  यह धरना प्रदर्शन उन दो पर्वत के लिए किया जा रहा है जो पौराणिक पहचान रखते हैं।  इनके नाम कंकालचल और आदिबद्री पर्वत है।  इन पर्वत को संरक्षित क्षेत्र घोषित कर रखा है, फिर भी कुछ लकुने  निकालकर सरकार ने सरकारी लीज दे दी है अवैध तरीके से और वैध तरीके से खनन जारी है और पर्वत को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। 

भरतरपुर में 551 दिन से साधु संतों का धरना जारी है...
इस लीज को खत्म करने के लिए 551 दिन से साधु संतों का धरना जारी है । कुछ दिन पहले ही एक संत ने 19 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी , उन्हें तो सरकार ने जैसे-तैसे मना लिया था।  लेकिन उसके बाद दूसरे संत नारायण दास बाबा ने मंगलवार सवेरे 5:00 बजे आश्रम के पास ही एक टावर पर चढ़ाई कर दी । वे आज दोपहर तक टावर पर ही बैठे रहे । करीब 35 घंटे तक उन्हें टावर से नीचे निकालने उतारने की कोशिश जारी रही । लेकिन जब उन्होंने अपने साथी संत विजय दास बाबा को जलते हुए देखा तो वे खुद नीचे आ गए। फिलहाल भरतपुर में माहौल अशांत है।  पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर हैं।  साधु विजय दास बाबा की हालत गंभीर बनी हुई है । सरकार ने इस समस्या का हल निकालने के लिए बैठके शुरू कर दी है।

यह भी पढ़ें-भरतपुर से बड़ी खबर: 29 घंटे से टावर पर चढ़े साधु ने खुद को आग लगाई, कल सरकार को दिया था अल्टीमेटम


 

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