लॉकडाउन के बीच भीलवाड़ा बना मिसाल, हर गरीब को मिल रहा खाना, घर घर जाकर स्क्रीनिंग कर रहे स्वास्थ्य कर्मी

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन का एलान किया और सभी नागरिकों से घर के अंदर रहने की अपील की। इससे 4 दिन पहले ही राजस्थान के भीलवाड़ा में कर्फ्यू  लगा दिया गया था। भारत में जिन शहरों में सबसे पहले कोरोना के मामले सामने आए भीलवाड़ा उनमें से एक हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 26, 2020 10:28 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन का एलान किया और सभी नागरिकों से घर के अंदर रहने की अपील की। इससे 4 दिन पहले ही राजस्थान के भीलवाड़ा में कर्फ्यू  लगा दिया गया था। भारत में जिन शहरों में सबसे पहले कोरोना के मामले सामने आए भीलवाड़ा उनमें से एक हैं। यह देश का पहला शहर है, जिसे कोरोना के चलते लॉकडाउन किया गया था।  20 मार्च को यहां एक व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई थी, जो संक्रमित होने के बाद सैकड़ों लोगों से मिला था। इसके बाद ही पूरे शहर को लॉकडाउन कर दिया गया था।

अब तक 7 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस ने सख्ती के साथ पूरे शहर को लॉकडाउन किया और लोगों ने भी सहयोग दिया, जिसके बाद पूरे शहर में कुछ चुनिंदा लोग ही घर से बाहर निकल रहे हैं। न्यूज 18 इंडिया के मुताबिक भीलवाड़ा में कोरोना के 17 मामले सामने आने के बाद पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था। राजस्थान में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 37 थी और इनमें से 45 फीसदी मामले सिर्फ भीलवाड़ा से थे।  

हर वार्ड में 17 गाड़ियों से पहुंचाया जा रहा राशन
अधिकारियों ने बताया कि शहर में लोगों ने दिल खोल के दान किया और 6 लाख लोगों की आबादी वाले इस शहर में लॉकडाउन सफल रहा। शहर के हर वार्ड में कुल 17 गाड़ियां लोगों को खाना पहुंचाने में लगी हुई हैं। शहर में फूड सप्लाई चैन को देखने वाले अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि भीलवाड़ा में 2,840 गरीब परिवारों की पहचान की गई थी, जिन्हें लॉकडाउन के पहले दिन से औसतन 5500 खाने के पैकेट बांटे जा रहे हैं। शहर में किसी भी तरह की कालाबाजारी भी नहीं हुई है, जिसकी वजह से शहर लगातार इतने दिनों से लॉकडाउन है।

जनता में बांटे गए 35 हजार मास्क
यहां लोगों के बीच 35 हजार मास्क बांटे गए हैं। प्रशासन के पास 35 हजार और मास्क पहुंच चुके हैं। पूरे शहर में आग को गिने चुने लोग ही मिलेंगे जो प्रशासन के प्रयासों से संतुष्ट नहीं होंगे। सिविल सोसायटी ने भी इस लॉकडाउन में खासा योगदान दिया है।

गरीब के परिवार तक पहुंची मदद
भीलवाड़ा के पत्रकार दिलशाद खान ने बताया कि यहां एक गरीब परिवार के पास 5 दिनों से खाने के पैसे नहीं थे। परिवार के मुखिया ने पत्रकार को फोन करके बताया कि उसने अपने आखिरी 10 रुपयों से परिवार के लोगों को चावल खिलाया था और अब उसके पास खाने के पैसे नहीं हैं। पत्रकार दिलशाद खान ने प्रशासन को इसकी जानकारी दी और कुछ मिनटों के अंदर उनके पास राशन पहुंच चुका था।  

घर घर जाकर की स्क्रीनिंग
शहर में लॉकडाउन होने के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों ने घर घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की और पूरे शहर में कोरोना से संक्रमित लोगों की पहचान करने की कोशिश की। शहर के 70 हजार लोगों की स्क्रीनिंग में लगभग 1500 स्वास्थ्यकर्मी 2400 पुलिसकर्मी और सैकड़ों आगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिन रात काम किया।

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