घर में बने पानी के कुंड को ढंकने पुख्ता इंतजाम नहीं होना एक परिवार की खुशियां उजाड़ गया। आंगन में खेल रहीं दो मासूम बच्चियां कुंड में जा गिरीं। घटना के वक्त पिता घर पर नहीं था, जबकि मां कामकाज निपटा रही थी। मां को पता तक नहीं चला कि उसकी बेटियां पानी में डूब गई हैं। जब वे घर में नजर नहीं आईं, तब उन्हें ढूंढ़ना शुरू किया गया। तब कहीं घटना का पता चला।
बीकानेर, राजस्थान. एक लापरवाही जिंदगी पर कितनी भारी पड़ती है, यह घटना यही दिखाती है। जब घर में छोटे बच्चे हों, तब उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना परिजनों की खास जिम्मेदारी होती है। क्योंकि बच्चों को नहीं मालूम होता है कि वो कुछ ऐसा भी कर सकते हैं, जो उनके जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। घर में बने पानी के कुंड को ढंकने पुख्ता इंतजाम नहीं होना एक परिवार की खुशियां उजाड़ गया। आंगन में खेल रहीं दो मासूम बच्चियां कुंड में जा गिरीं। घटना के वक्त पिता घर पर नहीं था, जबकि मां कामकाज निपटा रही थी। मां को पता तक नहीं चला कि उसकी बेटियां पानी में डूब गई हैं। जब वे घर में नजर नहीं आईं, तब उन्हें ढूंढ़ना शुरू किया गया। तब कहीं घटना का पता चला।
कुछ ही समय में आंगन हो गया सूना...
यह घटना बुधवार देर शाम जिले के महाजन क्षेत्र के गुसाइणा गांव में हुई। पुलिस के अनुसार, भोलूराम ने अपने घर के आंगन में पानी का कुंड बनवा रखा है। दोनों बच्चियां कुंड के आसपास खेल रही थीं। कुंड को एक पतली लोहे की चद्दर से ढंक रखा था। अचानक दोनों बच्चियां उसमें गिर पड़ीं। इनमें रुचिका 3 साल, जबकि अशिमा 4 साल की थी। घटना का पता काफी देर बाद चला। बच्चियों को घर में न देखकर मां घबरा गई और फिर उनकी तलाश शुरू हुई। तब उनकी लाशें कुंड में दिखीं। मौके पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम कराना चाहा, लेकिन परिजनों ने इनकार कर दिया। इसके बाद बच्चियों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।