
जयपुर. राजस्थान में कोई सरकारी भर्ती परीक्षा हो और उसमें नकल नहीं हो, ये कैसे संभव है ? बड़ी परीक्षाओं के अलावा अब तो छोटी परीक्षाओं में भी सेंध लगने लगी है। बिजली विभाग में तकनीकी सहायक भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाला गिरोह पकड़ा गया है जो छह छह लाख रुपए लेकर परीक्षा में नकल करा रहा था। प्रदेश में संभवतः यह पहला ही केस है जब नकल गिरोह ने पूरे के पूरे सिस्टम को ही हैक कर लिया और उसके बाद नकल करना शुरु कर दिया। लेकिन बीकानेर शहर में परीक्षा केंद्र में एक वीक्षक की नजर से नकल करा रहा गिरोह नहीं बच सका। उसने पुलिस को सूचना दी और फिर गैंग पकडी गई। गैंग के सात आरोपियों के पास से पुलिस ने आठ मोबाइल, तीन लैपटॉप और तीन गाड़ियां बरामद की है। उन लोगों की जानकारी भी मिली है जिन्होनें छह छह लाख रुपए नकल के लिए दे भी दिए थे।
एसओजी ने अब तक सात आरोपी पकडे, उनसे पूछताछ जारी
एसओजी यानि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने चार जिलों में रेड कर सात आरोपी पकडे हैं। एसओजी अफसरों का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों में कानोता निवासी रावल मीणा उर्फ राहुल, अलवर निवासी अजीत सिंह, अजमेर के नसीराबाद का निवासी जस्साराम, राजगढ़ अलवर का भाग्यशाली चंद, जयपुर के महेश नगर का विनोद मीणा, जयपुर के ही जयसिंहपुरा खोर का गिर्राज शर्मा और दौसा में रामगढ़ पचवारा का महेश मीणा शाामिल है। इनके पास से कई जानकारी मिली है और सिस्टम को हैक करने के बारे में भी जानकारी मिल रही है। फिलहाल सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी की जा रही है। उसके बाद ही पूरा खुलासा किया जाना है।
गौरतलब है कि राजस्थान में इसी साल अप्रेल में नकल विरोधी कानून लाया गया है। उसके बाद भी प्रदेश में हुई रीट और पुलिस भर्ती परीक्षा में नकल हो ही गई। अब यह तीसरी परीक्षा है, जिसमें आरोपियों ने पूरा सिस्टम हैंग करने के साथ चीटिंग कराने का मामला सामने आया है।
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