राजस्थान के चित्तौड़गढ़ शहर से अनोखा मामला सामने आया है। यहां पुलिस कर्मियों ने अफीम के केस में पकड़े गए आरोपियों को बेल दिलाने के नाम पर 28 लाख रुपए की घूस ली। मंत्री के बोलने के बाद पुलिस ने पैसा पीड़ितों को दे दिया फिर भी उतर गई वर्दी।
चित्तौड़गढ़ (chittorgarh). राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा थाना इलाके में एक बड़ा घटनाक्रम हुआ है। इस मामले में चित्तौड़गढ़ के एसपी ने एक इंस्पेक्टर, एक एएसआई और एक हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है (rajasthan news)। इन पुलिसकर्मियों ने अफीम के एक केस में आरोपियों को राहत देने के नाम पर 28 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। यह मामला जब मंत्री तक पहुंचा तो मंत्री ने पुलिसकर्मियों से रिश्वत भी दिला दी, लेकिन बाद में मामला खुल गया और अब एसपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया (rajasthan crime news)। इस पूरे घटनाक्रम की विभागीय जांच की जा रही है।
आरोपियों से ली थी 28 लाख रुपए की घूस, गंवानी पड़ी वर्दी
दरअसल दो व्यक्तियों से 14- 14 लाख रुपए लिए गए थे और इन 28 लाख रूपयों को तीन अलग-अलग टुकड़ों में बांट लिया गया था। चित्तौड़गढ़ के एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि अफीम के केस में नाम रफा-दफा करने के मामले में दो लोगों से सदर एसएचओ तुलसीराम, एक एएसआई और एक हैड कॉन्स्टेबल ने यह रुपए लिए थे। इस मामले के बारे में जब चित्तौड़गढ़ से आने वाले सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को पता चला तो उन्होंने पुलिसकर्मियों से यह सारा पैसा वापस उन दोनों पीड़ितों को दिलवा दिया और इस बारे में पिछले सप्ताह मीडिया के सामने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा भी किया।
विभागीय जांच के घेरे में आए पुलिसकर्मी
लेकिन उदयलाल आंजना ने तीनों पुलिसकर्मियों के नाम नहीं बताए। बाद में इसकी जानकारी एसपी राजन दुष्यंत को लगी तो उन्होंने विभागीय जांच कराई। पता चला सदर एसएचओ और दो अन्य पुलिसकर्मी इस पूरे घटनाक्रम में लिप्त हैं। ऐसे में विभागीय जांच की शुरुआत के साथ ही तीनों को सस्पेंड कर दिया गया है। उनके ऊपर और भी ऑफेंस बनते हैं इस बारे में भी विभागीय जांच की जा रही है। (rajasthan updates) प्रदेश में इस तरह का पहला और अनोखा मामला सामने आया है।
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