राजस्थान के चूरू शहर से शॉकिंग केस सामने आया है। यहां गेम खेलने के लिए घरवालों ने नया मोबाइल नहीं दिलाया तो नाबालिग ने लक्ष्मण रेखा को पानी में घोलकर पी लिया। परिजनों को पता चला तो उड़े होश। मोबाइल दिलवाने का वादा किया तब कराया इलाज।
चूरू (churu). राजस्थान के चूरू शहर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिग ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। फिलहाल उसका हॉस्पिटल में इलाज किया गया जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है (rajasthan news)। नाबालिग ने इसलिए प्वाइजन खा लिया था क्योंकि घरवाले उसे गेम खेलने के लिए नया मोबाइल लाकर नहीं दे रहे थे। चूरू अस्पताल पुलिस पूरे मामले की जांच की है। घटना सुनने के बाद परिवार सदमे में है (family shocked)। वहीं लड़के की इस हरकत को सुनकर इलाज कर रहे डॉक्टर सन्न रह गए। नाबालिग युवक रतनगढ़ का रहने वाला है। घटना के समय वह चूरू में ननिहाल में रह रहा था।
मोबाइल गेम के चक्कर में छोड़ दी पढ़ाई भी
पुलिस ने बताया कि जहर खाने वाला युवक मोबाइल गेम खेलने का इतना शौकिन हो गया था कि इसके चलते उसने अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी थी। वह क्लास 10 का स्टूडेंट था। नाबालिग युवक दिनभर बस गेम खेलने में डूबा रहता था। उसकी इस आदत से घर वाले इतना परेशान हो गए थे कि मोबाइल गेम की लत छुड़वाने के लिए उसे नाना नानी के पास चूरू भेज दिया। यहां आने के कुछ समय तक तो वह ठीक रहा पर फिर से मोबाइल की जिद करने लगा।
मोबाइल नहीं मिलने पर खाया जहर
ननिहाल में रह रहे नाबालिग ने अपनी नए मोबाइल खरीदने की जिद्द जारी रखी। घरवाले उसकी जिद के बालपन समझकर अवाइड करते रहे। पर अपनी डिमांड पूरी नहीं होने पर मंगलवार के दिन गुस्साए नाबालिग ने घर में रखी लक्ष्मण रेखा को घोलकर पी लिया (rajasthan crime news)। रात में जब उसकी तबियत बिगड़ने लगी तब उसने जाकर बताया कि उसने जहर पी (drink poison) लिया है। उसकी बात सुनकर तो घरवालों के पैरो तले जमीन ही खिसक गई। नाबालिग को तुरंत लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। राजकीय भरतिया जिला हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज शुरू किया गया। फिलहाल उसकी हालत में सुधार है rajasthan updates)।
मामा ने मोबाइल दिलाने का प्रामिस किया तब कराया इलाज
पूरे मामले में हैरानी की बात तो ये रही कि हॉस्पिटल पहुंचे बालक ने इलाज कराने से भी मना कर दिया। वहां पहुंचने के बाद भी पीड़ित मोबाइल दिलाने की जिद पर अड़ा रहा। जब मामा ने वादा किया कि यदि वह इलाज कराने के बाद ठीक हो जाएगा तो नया मोबाइल दिलवाया जाएगा। तब जाकर बालक ने अपना इलाज शुरू करवाया। बच्चे की ऐसी जिद देखकर इलाज कर रहे डॉक्टर भी एक बार को तो सन्न रह गए।
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