राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा आने से पहले टेंशन में अशोक गहलोत, इस शख्स ने बढ़ा दी मुख्यमंत्री की चिंता

राजस्थान में जल्द ही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा प्रवेश करने वाली है। लेकिन इससे पहले एक बार फिर से गुर्जर आंदोलन की सुगबुगाहट होने लग गई है। जिसके चलते सीएम अशोक गहलोत की चिंता बढ़ने लगी है।
 

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 13, 2022 12:14 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री गहलोत ने भले ही पार्टी के नेताओं के बीच चल रही खींचतान को दूर कर लिया हो। राजेंद्र गुढ़ा जैसे मंत्री अब पार्टी में खेमेबाजी की बात को नकार रहे हो। लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। इस बार यह चिंता उन्हें गुर्जर आरक्षण आंदोलन शुरू करवाने वाले स्वर्गवासी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय सिंह बैंसला ने दी है।

आंदोलन करने वाले नेता बोले-अब हमारा सब्र खत्म हो चुका 
सीकर दौरे पर आए विजय सिंह बैंसला ने कहा है कि कांग्रेस की ही सरकार ने गुर्जर आरक्षण आंदोलन के समय समझौता करवा कर साइन किया पूर्णविराम लेकिन अब सालों बाद तक वह लागू नहीं हुए हैं। हमने कई बार सरकार से बात भी की। लेकिन इसके बाद भी सरकार ने हमारी एक नहीं सुनी एक तरफ जहां पार्टी के नेता भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त है। वही आज हालात यह है कि गुर्जर समाज के युवाओं का भविष्य टूट चुका है। ऐसे में अब हमारा सब्र खत्म हो चुका है। अब हमें सरकार से नहीं तो कोई बात करनी है और नहीं कोई चर्चा करनी है। अब हमारी केवल यही मांग है कि जल्द से जल्द सरकार आरक्षण आंदोलन के समय लागू हुए समझौतों को लागू करें अन्यथा राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा को नहीं निकाला जाएगा। फिर चाहे रूट क्यों नहीं यूज किए जाए। 

राजस्थान की 75 विधानसभा सीट पर असर करेगा आंदोलन
आपको बता दें कि राजस्थान में करीब एक दशक पहले गुर्जर आरक्षण आंदोलन की शुरुआत हुई थी। उस समय आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज के लोगों ने राजस्थान के कई इलाकों में आंदोलन शुरू किया। यहां तक की ट्रेन की पटरी उखाड़ दी और नेशनल हाईवे तक बंद कर दिए थे। अंत में सरकार को झुकना पड़ा और नतीजा हुआ कि गुर्जरों को आरक्षण भी मिल गया। अब विजय सिंह बैंसला के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मर चुकी है। वही खुद को राजनेता बताते हुए विजय सिंह ने कहा है कि वह पॉलिटिकल हो चुके हैं। क्योंकि उनके समाज के पास राजस्थान की 75 विधानसभा सीट है पूर्णविराम ऐसे में वह किसी पार्टी पर डिपेंड नहीं रहने वाले हैं।


 

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