80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं। पूरे देशभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। वहीं सीएम अशोक गहलोत भी खड़गे की जीत से सबसे ज्यादा खुश हैं। जबकि एक समय था अध्यक्ष बनने की रेस में अशोक गहलोत सबसे आगे थे।
जयपुर. आखिरकार कांग्रेस पार्टी को 24 साल के लंबे इंतजार के बाद गैर गांधी परिवार आलाकमान मिल चुका है। मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। मल्लिकार्जुन की इस इस जीत के बाद जहां देश भर में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। वही राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन की जीत के बाद सबसे ज्यादा खुश है। जिन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन कर इस जीत की बधाई भी दी है। बताया जा रहा है कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान में सीएम पद के चेहरे की लड़ाई भी खत्म हो चुकी। अब कांग्रेस शासन के बचे हुए 1 साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहेंगे।
अध्यक्ष बनने की रेस में सबसे आगे थे अशोक गहलोत
आपको बता दें कि पिछले महीने राजस्थान में सियासी बवाल हुआ। विधायकों ने अपने इस्तीफे तक विधानसभा स्पीकर को सौंप दिए। जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया था। बताया जा रहा है कि राजस्थान में सीएम पद के लिए स्थिति इसी दिन साफ होने लग गई थी। जब आलाकमान के सामने मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीएम अशोक गहलोत का पूरा सपोर्ट किया। नतीजा यह निकला कि सीएम अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से मना कर दिया और मल्लिकार्जुन के प्रस्तावक बन गए। हालांकि आज जीत के बाद मल्लिकार्जुन को बधाई सचिन पायलट ने भी दी है। लेकिन नए आलाकमान के पास ज्यादा मजबूत अशोक गहलोत ही हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे नही होते तो कांग्रेस विधायक को पर होती कार्रवाई
राजस्थान में पिछले महीने हुए सियासी घटनाक्रम के बाद जहां आलाकमान तक पहुंची थी। जिसके बाद पार्टी ने सीएम अशोक गहलोत की सरकार के दो मंत्रियों और एक बोर्ड चेयरमैन को नोटिस भी जारी किए। लेकिन सीएम अशोक गहलोत इस पूरे मामले से हटे हुए ही रहे। और मंत्रियों पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। बताया जा रहा है मल्लिकार्जुन के आलकमान से बात करने के बाद ही यह सब कुछ संभव हो पाया है।
अब प्रदेश कांग्रेस में होगा जश्न
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो अब दिवाली बाद आलाकमान दो पर्यवेक्षक को राजधानी जयपुर में भेजेगा। यहां सर्वसम्मति से 1 लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। जिसके बाद सचिन पायलट खेमे और अशोक गहलोत खेमे की दूरियां भी दूर होगी। सूत्रों के मुताबिक अब सचिन पायलट को पीसीसी चीफ की जिम्मेदारी दी जाएगी जबकि गोविंद सिंह डोटासरा आने वाले 1 साल में डिप्टी सीएम का पद संभाल सकते हैं।