4 दिन के बच्चे को मां की तरह पाल रहीं नर्सें, संक्रमित महिला बोली मैं जिंदगीभर आपको नहीं भूल पाऊंगी

कोरोना वायरस के खौफ में जहां लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। वहीं कोरोना वॉरियर्स बनी नर्सें अपनी जान की परवाह किए बिना परिवार से दूर रहकर 12 से 15 घंटे ड्यूटी कर रही हैं। वो अस्पताल के साथ घर पर बच्चों की सतर्कता से देखभाल की दोहरी जिम्मेदारी निभा रही हैं। ऐसी एक मार्मिक कहानी राजस्थान से सामने आई है।

Arvind Raghuwanshi | Published : May 12, 2020 3:34 PM IST / Updated: May 12 2020, 09:42 PM IST

उदयपुर. कोरोना वायरस के खौफ में जहां लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। वहीं कोरोना वॉरियर्स बनी नर्सें अपनी जान की परवाह किए बिना परिवार से दूर रहकर 12 से 15 घंटे ड्यूटी कर रही हैं। वो अस्पताल के साथ घर पर बच्चों की सतर्कता से देखभाल की दोहरी जिम्मेदारी भी निभा रही हैं। ऐसी ही एक मार्मिक कहानी राजस्थान से सामने आई है। जहां दो नसें एक 4 दिन के नवजात के लिए मां बन गईं।

बच्चे को मां की तरह पाल रहीं नर्सें
दरअसल, उदयपुर के एमबी अस्पताल में भर्ती नवजात के माता-पिता कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। ऐसे में जब शिशु की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा तो नर्स रीना चोपड़ा और मीनाक्षी भट्ट नवजात की मां बनकर उसको संभाल रही हैं। वह दिनभर उसका ख्याल रखती हैं,जब वो रोने लगता तो उसको गोद में लेकर चुप कराने लगती हैं।

कलेजे के टुकड़े को गोद नहीं  ले पाई मां
बता दें कि तीन दिन पहले 9 मई को उदयपुर के जनाना अस्पताल में एक महिला का सीजेरियन डिलेवरी हुई थी। जब डॉक्टरों ने पति-पत्नी की जांच की तो उनकी कोरोना संक्रमित रिपोर्ट आई। जन्म के बाद से अब तक महिला ना अपने कलेजे के टुकड़े को ना तो गोद ले पाई और ना ही उसका चेहरा देख पाई।

 जिंदगीभर नहीं भूल पाऊंगी नर्सें का बलिदान
मीडिया से बात करते हुए प्रसूता ने बताया कि मैंने तो बच्चे को जन्म दिया है। लेकिन, यह नर्सें मेरे बच्चे को अपने बेटे की तरह मां बनकर पाल रही हैं। में इनके बलिदान को पूरी जिंदगी नहीं भूल पाऊंगी। वह ही मेरे कलेजे के टुकड़े दूध पिलाती और रोता तो चुप कराती हैं।

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