शादी के बाद नवविवाहित दलित जोड़ा शनिवार को जालोर में मंदिर में पूजा करने जा रहा था। पुजारी ने उनको रोक दिया। काफी बहस के बाद भी उनको जाने नहीं दिया गया। दंपत्ति की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है।
जोधपुर। अपनी जाति पर गौरवान्वित होना और दूसरी जातियों को कमतर समझना व दलितों को उनके हक से वंचित रखने की परंपरा आज भी कायम है। राजस्थान पुलिस ने रविवार को एक मंदिर के पुजारी को अरेस्ट किया। पुजारी पर आरोप है कि उसने एक दलित दंपत्ति को मंदिर में पूजा करने से रोका। अधिकारियों ने बताया कि जालोर के एक मंदिर में एक नवविवाहित दलित जोड़े को कथितर तौर पर पूरा करने की अनुमति नहीं दिए जाने पर पुजारी को गिरफ्तार किया गया है।
शनिवार को वीडियो हुआ था वायरल
शनिवार को दलित दंपत्ति को पूजा से रोके जाने संबंधी वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो कथित तौर पर वेला भारती जिले के अहोर अनुमंडल के अंतर्गत नीलकंठ गांव में मंदिर के द्वार पर दंपति को रोक रही थी। वीडियो में पुजारी और दलित दंपत्ति के बीच हुई बहस को भी कैद कर लिया गया है।
पीड़ित परिवार के सदस्यों ने तब पुलिस से संपर्क किया और पुजारी के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। जालोर के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने रविवार को कहा, "हमने पुजारी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और उसे गिरफ्तार कर लिया है।"
पीड़ित पक्ष ने क्या शिकायत की...
शिकायत के अनुसार, कूका राम की बारात शनिवार को नीलकंठ गांव पहुंची थी। दंपति अपनी शादी के बाद मंदिर में नारियल चढ़ाना चाहते थे। शिकायत के मुताबिक, "जब हम वहां पहुंचे तो पुजारी ने हमें गेट पर रोका और नारियल बाहर चढ़ाने को कहा। उन्होंने हमें मंदिर में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा क्योंकि हम दलित समुदाय से हैं।" इसने कहा कि कुछ ग्रामीण भी तर्क में शामिल हुए और पुजारी का समर्थन करते हुए कहा कि यह गांव का फैसला था और पुजारी के साथ बहस करने का कोई मतलब नहीं था। तारा राम ने कहा, "हमने पुजारी से बहुत गुहार लगाई लेकिन वह अड़े रहे। उसके बाद हमने पुलिस में पुजारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।"
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