दौसा में शुक्रवार की रात 3 बजे दौसा में लगी आग बुझाने में 11 घंटे में 5 जिलों की 35 दमकलो ने 5 लाख लीटर पानी फेंका तब भी कोई असर नहीं हुआ। बाद जांच में पता चला, जहां आग लगी वहां से गुजर रही थी आईओसीएल की पाइप लाइन। सेंटर से वॉल बंद कराया तब जाकर आग पर काबू पाया गया।
जयपुर (jaipur). राजस्थान के दौसा जिले से बड़ा मामला सामने आया है। जहां शुक्रवार की रात 3:00 बजे बाद लगी आग ने ऐसा तांडव मचाया की दौसा समेत पांच जिलों की 30 से ज्यादा फायर ब्रिगेड भी इस आग को कंट्रोल नहीं कर सकी। इसके साथ ही आग में 5 लोगों के जिंदा जलने की सूचना फैली तो प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद जिला कलेक्टर और जिला एसपी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। सवेरे 7:00 बजे से दोपहर के 2:00 बजे तक कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर डटे रहे । 2:00 बजे बाद जाकर जब आग को काबू किया तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन तब भी उन पांच लोगों के बारे में सुराग नहीं मिला जो फैक्ट्री में रात को सो रहे थे। दौसा जिले के महुआ थाना क्षेत्र में स्थित मौजपुर गांव में पीपल खेड़ा के नजदीक एक फैक्ट्री में यह वारदात हुई है।
प्लास्टिक और थर्माकोल की फैक्ट्री बताई
घटना की प्रारंभिक जानकारी में यह सामने आया है कि फैक्ट्री किसी शिवलाल मीणा की है। कच्ची बिल्डिंग में फैक्ट्री बनाई गई है। उसमें कुछ कमरे हैं साथ ही एक टैंकर भी खड़ा था। बताया जा रहा है कि यहां पर थर्माकोल और प्लास्टिक के स्क्रैप से दाने बनाने का काम होता है। उसके बाद भी जो स्क्रैप बचता है उसको फैक्ट्री के पास ही खाली पड़े प्लाट में डाल दिया जाता है । देर रात करीब 3:00 बजे स्क्रैप में आग लगने की सूचना मिली। पहले महुआ थाना पुलिस पहूंची घटना बड़ी होने से उसके बाद आसपास के कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। दौसा जिले की दो दमकल को बुलाया गया, उनसे भी आग काबू नहीं हुई तो जिले की तीसरी फायर ब्रिग्रेड को बुला लिया गया, लेकिन आग को फिर भी नहीं बुझा पाए। सवेरे अधिकारी जब मौके पर पहुंचे तो पता चला कि फैक्ट्री में 5 मजदूर और है। उनको सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की गई लेकिन आग इतनी विकराल थी कि आग के 500 मीटर रेडियस से भी नजदीक कोई नहीं जा सका। गर्मी और हवा के कारण फायर इतनी तेजी से फैल रही थी कि दौसा के अलावा जयपुर, भरतपुर, भिवाड़ी और अलवर जिले से 15 से ज्यादा गाड़ियां मंगाई गई।
फायर ब्रिगेड के साथ गांववाले भी लगे आग बुझाने में
आग इतनी भयानक लगी थी कि फायर ब्रिगेड के साथ स्थानीय ग्रामीणों के 20 से ज्यादा टैंकर भी आग को काबू करने में जुटे रहे। आला अधिकारियों ने कहा कि आग की सूचना मिलने के बाद कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई थी। उसके बाद दमकल आसपास के जिलों से बुलाई जाती रही। किसानों ने अपने टैंकरों के साथ मौके आगजनी फैलने से रोकने में लगे रहे। दमकल और टैंकरों ने मिलकर करीब डेढ़ सौ चक्कर लिए और करीब 5 लाख लीटर पानी आग पर डाला, लेकिन उसके बावजूद भी आग टस से मस नहीं हुई । दोपहर बाद अधिकारियों को पता चला कि जिस जगह आग लगी है वहीं से आईओसीएल की पाइप लाइन गुजरती है। उसके बाद आईओसीएल के अधिकारियों को सूचना दी गई। उन्होंने सेंटर से किसी वालों को बंद किया और उसके कुछ देर बाद ही आग को काबू कर लिया गया।
पेट्रोल चुराने की आशंका
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही इंडियन ऑयल की जो बड़ी पाइपलाइन थी उसका वॉल बंद किया गया, उसके कुछ ही देर बाद आग अपने आप काबू में आ गई। संभव है कि इतनी देर से आग पाइप लाइन से निकल रहे तेल में ही लग रही थी। इस कारण काला धुआं लगातार फैलता गया और आग काबू में नहीं आ सकी। लेकिन जैसे ही वाल बंद किया गया आग शांत हो गई। पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री एरिया में एक टैंकर रखा था वह भी जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया। अब इस बात की जांच की जा रही है कि जिस जगह यह फैक्ट्री बनाई गई थी क्या उस फैक्ट्री में पाइपलाइन से तेल चोरी होने का काम होता था?
फैक्ट्री मालिक हुआ फरार
फैक्ट्री का मालिक शिवलाल मीणा घटना के बाद से ही गायब है, साथ ही उसका फोन बंद है वह अपने परिवार के समेत घर से लापता है। घटना के समय मौके पर जिन पांच मजदूरों के होने के बारे में बताया गया था उनके वहां पर फिलहाल कोई सुराग नहीं लगा है। आईओसीएल के अधिकारी जिला कलेक्टर जिला एसपी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी इस गंभीर मसले की जांच कर रहे हैं।