राजस्थान से बिजली संकट पर बड़ी खबर : सिर्फ पांच दिन का कोयला बाकी, बढ़ेगी लाइट कटौती, झेलनी पड़ेगी अधिक गर्मी

नौतपा के बीच राजस्थान से बिजली संकट को लेकर बड़ी खबर  आई है, राज्य में केवल 5 दिन का कोयला बाकी है। बारिश में कोयले की समस्या और विकराल हो सकती है। बढ़ेगा लाइट कटिंग का बोझ

Sanjay Chaturvedi | Published : May 25, 2022 11:17 AM IST / Updated: May 25 2022, 04:48 PM IST

भरतपुर. पूरे देश में आज से नौतपा शुरू हो गया है। राजस्थान में 9 दिन भयंकर गर्मी का फोरकास्ट किया गया है। हांलाकि मौसम एक्सपर्ट का यही कहना है कि इस बार पिछले सालों की तुलना में हालात ज्यादा खराब नहीं होंगे और गर्मी का असर भी कम होगा। लेकिन इस बीच इलेक्ट्रिसिटी को लेकर राजस्थान से बड़ी खबर सामने आ रही है । राजस्थान सरकार के बिजली मंत्री का कहना है कि राजस्थान में सिर्फ 5 दिन का ही कोयला बाकी रह गया है । इन बचे दिन के अंदर अगर कोई व्यवस्था नहीं की जाती है तो फिर से बिजली कटौती की मार झेलनी पड़ेगी। साथ ही पुख्ता इंतजाम नहीं किया तो बारिश के मौसम में और भी ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ सकती है। ऊर्जा एवं जल संसाधन मंत्री भंवर सिंह भाटी आज भरतपुर में मीडिया से रूबरू हुए थे। 

विदेशी कोयले का दबाव, कीमतें आसमान पर
 
मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि सेंट्रल गवर्नमेंट राजस्थान सरकार पर 10% विदेशी कोयला लेने का दबाव बना रही है।  नहीं लेने पर केंद्र सरकार इसी महीने से 20% कोयले की कटौती करने की धमकी भी दे रही है। लेकिन विदेशी कोयला आम कोयले के मुकाबले 4 गुना से भी ज्यादा महंगा है । इसलिए राजस्थान सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि विदेशी कोयला नहीं खरीदना पढ़े और इसका कोई विकल्प निकाला जाए। 

12 रुपए यूनिट में भी नहीं मिल रही बिजली

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अप्रैल महीने में बिजली संकट परेशान करता रहा। राजस्थान सरकार बिजली खरीदने पहुंची 12 रुपए तक की बोली लगाई लेकिन उसके बावजूद इलेक्ट्रिसिटी उपलब्ध नहीं हो सकी। सभी राज्य बिजली खरीदने के लिए पांच से 15% तक ज्यादा बोली लगा रहे हैं उसके बावजूद बिजली नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि राजस्थान में उपभोक्ताओं को कटौती का सामना करना पड़ा। उम्मीद है कि यह कटौती बंद हो जाएगी। लेकिन कोयले की सप्लाई लगातार नहीं हुई तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

मंत्री ने बताया कि राजस्थान सरकार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से बात कर दो खदानों से कोयला खनन कराने की बात भी कर रही है। लेकिन वहां पर स्थानीय लोगों का विरोध बढ़ने की वजह से वहां से फिलहाल कोयला उपलब्ध होने की संभावना कम है।

 

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