
बूंदी (राजस्थान). तीन साल की ये प्यारी से बच्ची... अपने तीन महीने के भाई को भी संभाल रही है। पास ही चादर ओढ़ाकर मां का शव रखा गया है। ताकि चिकित्सक सभी सरकारी प्रक्रिया पूरी कर सकें और शव परिजनों को सुपुर्द कर सकें । लेकिन बच्ची को पता नहीं है कि मां अब नहीं है। जांच पड़ताल के लिए आए डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ ने जब चादर हटाने की कोशिश की तो बेटी ने कहा कि अंकल धीरे करो, मां अभी सो रही है, जाग जाएगी। मासूम बच्ची के ये शब्द सुनकर अस्पताल स्टाफ भी अपने आंसू काबू नहीं कर सका।
बेटा और बेटी के साथ मायके आई हुई थी महिला
यह पूरा घटनाक्रम बूंदी जिले के नैनवा क्षेत्र में स्थित सरकारी अस्पताल का है। बच्ची का नाम रेशम और उसकी मां का नाम शबाना है।
बूंदी की नैनवा पुलिस ने बताया कि शबनम की उम्र बीस साल थी। वह राजस्थान के टोंक जिले की रहने वाली थी और उसका ससुराल हरियाणा के रेवाड़ी था। शादी को चार साल हो गए। कुछ दिनों से वह टोंक अपने पीहर आई हुई थी।साथ ही तीन महीने का बेटा और तीन साल की बेटी भी थी।
जानिए कैसे महिला की हुई मौत
दो दिन पहले अचानक शबाना के सीने में दर्द हुआ तो उसे अस्पताल ले जाया गया, वहां इलाज कर दिया गया। अगले दिन फिर से दर्द उठा तो डॉक्टर ने कोटा में स्थित एक अस्पताल में दिखाने के लिए कहा। शबनम का भाई कालू और परिवार के कुछ अन्य लोग शबनम और उसके बच्चों को लेकर टोंक से बूंदी के नैनवा तक ऑटो में पहुंचे। नैनवा में बस में बैठने के दौरान शबनम की तबियत खराब हो गई। बस रुकवाकर शबनम को नैनवा के अस्पताल में दिखाया गया, जहां कुछ देर के बाद उसकी मौत हो गई। स्टाफ ने अस्पताल के वार्ड में ही शव रख दिया और पुलिस को सूचना दे दी। नैनवा पुलिस मौके पर पहुंची और टोंक पुलिस को इसकी जानकारी दी। रविवार को कई घंटों की प्रक्रिया के बाद शव को परिजनों के हवाले किया गया।
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