95 साल की मां की ममता के आगे मौत भी नहीं टिक सकी। मौत ने भी मां की ममता के आगे घुटने टेक दिए। बेटे ने दम तोड़ा और उसके चंद मिनट बाद मां ने भी कुछ ही पलों बाद अपनी देह त्याग दी।
जयपुर. मां और मां की ममता...। इन दो शब्दों की गहराई को कभी भी नहीं आंका जा सकता। जयपुर में भी ऐसा ही हुआ। 95 साल की मां की ममता के आगे मौत भी नहीं टिक सकी। मौत ने भी मां की ममता के आगे घुटने टेक दिए। बेटे ने दम तोड़ा और उसके चंद मिनट बाद मां ने भी देह त्याग दी। घटना जयपुर के ग्रामीण क्षेत्र से है। मां और बेटे की मौत पर पूरा गांव सन्न रह गया। दोनो को एक ही चिता पर अंतिम विदाई दी गई। मां और बेटे के प्रेम के आगे पूरा गांव रो पडा। जयपुर के चाकसू क्षेत्र से यह वाक्या सामने आया है।
मां और बेटे का प्रेम मौत के बाद भी अमर हो गया
दरअसल, चाकसू के बड़ली ग्राम पंचायत का यह पूरा घटनाक्रम हैं, गांव में रहने वाले मां और बेटे का प्रेम उनकी मौत के बाद भी अमर हो गया। सोमवार को गांव में रहने वाले 75 साल के लक्ष्मीनारायण जाट की मौत हो गई। इसकी सूचना लक्ष्मीनारायण के सगे संबधियों को मिली तो वे उनके घर पहुंचे और शव को लेकर अंतिम क्रिया के लिए रवाना हो गए।
मां को पता चला बेटा नहीं रहा तो मां भी चली गई
कुछ ही देर में इस बारे में 95 साल की मां गुल्ली देवी को पता चला तो बेटे को पुकारते हुए गुल्ली देवी ने भी प्राण त्याग दिए। ग्रामीणों का कहना था कि गुल्ली देवी वैसे तो लक्ष्मीनारायण की चाची थी लेकिन लक्ष्मी के जन्म के कुछ दिनों बाद ही गुल्ली देवी ने उन्हें गोद ले लिया था। लक्ष्मीनारायण भी गुल्ली देवी की मां की तरह सेवा करते थे। अपने हाथ से खाना खिलाते थे और अपने हाथ से ही नित्यकर्म कराते थे। कुछ समय से लक्ष्मीनारायण कुछ बीमार थे और सोमवार को उनकी मौत हो गई। साथ ही मां भी चल बसी। ग्रामीणों ने धार्मिक रीति रिवाजों के साथ मां और बेटे को एक ही चिता पर विदा किया।