
चूरू (राजस्थान). 56 साल के अमरचंद का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव के लोग उनको ढांढ़स बंधा रहे हैं, लेकिन उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अमरचंद का कहना है कि मेरे बेटे ने मुझे जिम्मेदारी दी थी कि मैं अपने परिवार का ध्यान रख सकूं, उसके बाद ही दोनों बेटे कमाने के लिए गुजरात चले गए लेकिन अब मैं उन्हें क्या मुंह दिखाऊंगा।
अंगीठी के धुंए से परिवार के 3 लोगों की मौत
दरअसल, चूरू जिले के रतनगढ़ इलाके में स्थित गौरीसर गांव में बीती रात अंगीठी के धुंए से परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई। इनमें अमरचंद की पत्नी सोना देवी, बहू गायत्री, 3 साल की पोती तेजस्विनी शामिल है। 3 महीने की पोती खुशी गंभीर रूप से बीमार है। उसे बचाने की कोशिश की जा रही है ।
रोते हुए दादा बोले- अपने दोनों बेटों को क्या जवाब दूंगा
अमरचंद ने बताया कि उनके बेटे राजकुमार और केदार कुछ दिन पहले ही गुजरात गए थे। मैंने ही उन्हें कहा था कि वह अपने काम पर ध्यान दें,परिवार की चिंता ना करें। परिवार की देखभाल मैं खुद कर लूंगा। लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका। अब मैं अपने दोनों बेटों को क्या जवाब दूंगा।
मां और दादी की लाश से लिपटकर रोता रहा पोता
उधर बाल-बाल बचे अमरचंद के 6 साल के पोते की भी हालत बुरी है। वह मां और दादी की लाश से लिपटकर रोता रहा। बता दें, बीती रात अंगीठी जलाकर सोने से कमरे में धुआं फैल गया और अमरचंद की पत्नी बहू और पोती की मौत हो गई। 3 महीने का बच्चा अस्पताल में भर्ती है।
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