
जयपुर. राजधानी जयपुर से सनसनीखेज मामला सामने आया है। दस साल के मासूम ने इतने आंसू बहाए कि पुलिसवाले और उसे रेस्क्सू करने वाले भी आंखे नम होने से नहीं रोक सके। जिसने भी घटना के बारे में सुना वह दंग रह गया। दस साल के बच्चे को बुरी हालत में एक डॉक्टर के घर से रेस्क्यू किया गया है। डॉक्टर के खिलाफ सांगानेर सदर थाने में केस दर्ज कराया गया है। पुलिस उसे गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है।
मेरी मां होती आज तो मैं भी उसकी गोद में खेल रहा होता... पढ़ता लिखता
बचपन बचाओ की टीम ने सांगानेर सदर में डॉक्टर पुखराज के खिलाफ केस दर्ज कराया है। टीम ने बताया कि डॉक्टर ने दस साल के मासूम बच्चे को अपने घर में बंधक बनाया था। वह सवेरे बच्चे को जल्दी उठाता था और उसके बाद उससे चाय बनवाते। पूरे दिन घर की सफाई कराते और रात को खाना भी कभी कभार देते। जब भी वह घर दादी के पास जाने की बात करता तो उसे गंदी गालियां दी जाती और दो बार मारपीट भी की गई। डॉक्टर के पास बच्चे को आए सिर्फ एक महीना हुआ था लेकिन एक महीने में ही बच्चे की हालात खराब हो गई। जब पुलिस के साथ टीम उस तक पहुंची तो वह टीम के सदस्यों से लिपटकर खूब रोया। बोला.... आज मां होती तो मैं भी मां की गोद में खेलता.... पढ़ता लिखता और मां का हाथ बटाता। लेकिन मां मेरे साथ नहीं हैं।
दादी ने कलेजे के टुकड़े को पढने के लिए खुद से दूर किया था, नतीजा ये निकला
बचपन बचाओ की टीम मेंबर्स ने बताया कि दस साल का अंकित पटना का रहने वाला है। करीब दो साल पहले उसकी मां ने घरेलू विवाद के चलते उसके पिता की हत्या कर दी थी। मां को जेल हो गई और पिता को जला दिया गया। बस दादी और पोता घर में बचे। दादी ने अपने पहचान वाले बुजुर्ग दम्पत्ति को अपना पोता यह कहते हुए सौंपा कि उसे पढा लिखा दें। दम्पत्ति पोते को करीब 1100 किलोमीटर जयपुर ले आया। यहां लाकर अपने डॉक्टर बेटे को सौंप दिया। डॉक्टर ने सोचा की उन्हें मुफ्त का नौकर मिल गया। डॉक्टर ने बच्चे को नौकर बना लिया और काम शुरु करा दिया। अब पुलिस ने डॉक्टर पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
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