राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने गुरुपूर्णिमा के मौके पर प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए ईनामों की झड़ी लगा दी है। सीएम ने दस बेस्ट खिलाड़ियों को पांच पांच लाख रुपए देने की घोषणा कर दी है। साथ ही राजस्थान का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को कई पुरुस्कार दिए जाएंगे।
जयपुर. गुरुपूर्णिमा से ठीक एक दिन पहले राजस्थान सरकार ने खिलाड़ियों के लिए छप्परफाड़ कर धन वर्षा कर दी। गुरुपूर्णिमा से ठीक एक दिन पहले सरकार ने खिलाड़ियों के लिए ईनामों की झड़ी लगा दी है। सरकार ने दस बेस्ट खिलाड़ियों को पांच पांच लाख रुपए देने की घोषणा कर दी है। यह राशि पहले सिर्फ एक लाख रुपए थीं। बताया जा रहा है कि हर साल दस खिलाड़ियों को यह इनाम राशि दी जानी है। महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ पुरुस्कारों के तहत यह धनराशि दी जाती है। इसे अब बढा दिया गया हैं। सरकार ने एक वित्तीय वर्ष में 5 गुरू वशिष्ठ पुरस्कार तथा 5 महाराणा प्रताप पुरस्कार दिए जाने की तैयारी की है।
राजस्थान का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को दिए जाते हैं ये दोनो पुरुस्कार
दरअसल, गुरू वशिष्ठ पुरस्कार और महाराणा प्रताप पुरुस्कार राजस्थान के सर्वोच्च खिलाडियों को दिए जाते हैं। करीब चालीस साल पहले इसकी शुरुआत की गई थी। अब इन दोनो मामलों में एक एक लाख रुपए की पुरुस्कार राशि दी जाती रही है। इसे बढ़ाकर अब पांच लाख रुपए कर दिया गया है। इसकी घोष्णा सीएम ने 29 मई को एसएमएस स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की थी। इस घोषणा को अब मूर्त रुप दिया गया है। प्रदेश में अब तक करीब दो सौ से भी ज्यादा खिलाड़ियों को ये पुरुस्कार दिए गए हैं। सीएम ने कहा खेल किसी भी राष्ट्र की रीढ़ हैं और उन्हें बढ़ावा देते रहने की जरुरत है।
ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों में करोड़ों रुपए देती है सरकार
राज्य स्तरीय खेलों के अलावा राष्ट्र और ओलपिंक खेलों में विजेताओं को करोड़ों रुपए सरकारें देती हैं। कुछ समय पहले इन खेलों के लिए भी राजस्थान सरकार ने ईनामी राशि बढ़ाई थी। इन खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 75 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रूपये, रजत विजेता को 50 लाख से 2 करोड़ रूपये और कांस्य पदक विजेता को 30 लाख से 1 करोड़ रूपये राशि की गई। इसी तरह एशियाई एवं राष्ट्रमण्डल खेलों में स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीतने पर दी जाने वाली 30 लाख, 20 लाख एवं 10 लाख रूपये की ईनामी राशि को बढ़ाकर क्रमशः 1 करोड़, 60 लाख एवं 30 लाख रूपये कर दी गई है।