
हनुमानगढ़. राजस्थान के भरतपुर और जालौर के बाद अब हनुमानगढ़ में एक संत की हत्या कर दी गई। 75 साल के संत चेतन दास का शव उनकी कुटिया से बरामद हुआ। जिस कुटिया में वे करीब 25 साल से रह रहे थे। बुधवार के दिन जब वे काफी समय तक अपनी कुटिया से बाहर नहीं आए तो ग्रामीणों ने जांच पड़ताल की, अंदर जाकर देखा तो उनके चेहरे पर चोटों के गंभीर निशान थे। बिस्तर खून से सने हुए थे। इसकी सूचना तुरंत संगरिया पुलिस को दी तो पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की। मौके पर फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया।
नुकीले हथियार से हमला कर की निर्मम हत्या
जांच पड़ताल कर रही संगरिया पुलिस ने बताया कि भाखर वाली गांव में चेतन दास करीब 25 साल से रह रहे थे। उनके खाने-पीने का ध्यान ग्रामीण ही रखते थे। 25 साल पहले वो पंजाब से यहां आए थे और उसके बाद यहीं आकर बस गए। आज सवेरे जब उनका शव देखा गया तो नाक ,मुंह ,आंख और कान से खून बह रहा था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि किसी नुकीली वस्तु से उन पर हमला किया गया है। पुलिस ने बताया कि संत की कुटिया से कोई भी सामान जाने के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं है। हालाकि वहां का सामान अस्त-व्यस्त जरूर है।
किसी से नहीं थी दुश्मनी
उधर ग्रामीणों का कहना है कि संत के पास कोई भी कीमती वस्तु नहीं थी। वे गांव में ही मंदिरों में विचरण करते थे, उसके बाद शाम के समय भजन गाया करते थे। लेकिन उन की निर्मम हत्या कर दी गई। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि गांव में शायद ही किसी की उनसे दुश्मनी होगी। अब हनुमानगढ़ पुलिस के लिए इस ब्लाइंड मर्डर को खोलना चुनौतीपूर्ण बन गया है।
हनुमानगढ़ पुलिस पंजाब में उनके परिवार के बारे में भी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है । पुलिस का मानना है कि यह भी संभव है इस हत्याकांड की जड़ें उनके पैतृक गांव से भी जुड़ी हो सकती है। पुलिस इस ब्लाइंड मर्डर को खोलने के लिए सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
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