योगी स्टाइल में अशोक गहलोत का एक्शनः पेपर लीक आरोपी के डेढ़ करोड़ की कोठी पर चलवा दिया बुलडोजर

राजस्थान सीएम अशोक गहलोत यूपी के मुख्यमंत्री का फार्मूला फॉलो करते हुए आरोपियों के खिलाफ एक्शन लिया है। जिसके तहत नकल कराने में शामिल रसूखदार लोगों की बिल्डिंग को खंडहर कर दिया गया। बुलडोजर चलवाते हुए डेढ़ करोड़ की कोठी को कुछ ही समय में पंचर कर दिया।

जयपुर (jaipur). राजस्थान में लगभग हर सरकारी परीक्षा में नकल के मामले सामने आते हैं। पुलिस और सरकार कार्रवाई भी करती है लेकिन यह कार्रवाई उतने प्रभावी नहीं होती जितनी होनी चाहिए (rajasthan crime news)। यही कारण है कि इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की राह पर हैं, हालांकि यह राह पूरी नहीं आधी ही पकड़ी गई है, लेकिन लोग ऐसे ही खुश हैं।

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पेपर लीक के आरोपियों के यहां की गई कार्रवाही
दरअसल पिछले महीने राजस्थान में अध्यापक भर्ती सरकारी परीक्षा में नकल गिरोह ने जनरल नॉलेज का पेपर परीक्षा से ठीक पहले लीक कर दिया था। इस पेपर को देने के लिए 4 लाख छात्र राजस्थान के अलग-अलग सेंटर्स पर आए थे, लेकिन सेंटर पर परीक्षा से ठीक पहले उन्हें वापस निकाल दिया गया। यह कहते हुए कि पेपर लीक हो गया है। अब यह लीक पेपर इस महीने 29 जनवरी को फिर से होगा। सरकार ने इस मामले में 60 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें करीब 45 छात्र हैं जिन्होंने नकल करने के लिए नकल गिरोह के बदमाशों को रुपए दिए थे। इन 45 छात्रों को आजीवन दीबार कर दिया गया है। इन 45 छात्रों के अलावा नकल कराने वाले गिरोह और उनके परिवार के लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।

मुख्य आरोपी के दूसरे मकान को भी ढहा दिया
मुख्य मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका फिलहाल लापता है।  ढाका जयपुर में अधिगम नाम से कोचिंग चलाता था उस कोचिंग के भवन को भी सरकार ने ढहा दिया है। अब आज मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के हीरापुरा रजनी विहार स्थित डेढ़ करोड़ रुपए के मकान के कई हिस्सों को ढहा दिया गया है। यह कार्रवाई कल शाम के बाद आज सवेरे की गई है। बताया जा रहा है कि मकान के करीब 30% हिस्से को ढहाया जाएगा और उसे दोबारा बनाने नहीं दिया जाएगा।

राजस्थान में यह पहली दफा है कि नकल करने वाले और कराने वाले गिरोह के लोगों पर पुलिस और सरकार इस तरह से कार्रवाई कर रही है। यह कोठी भूपेंद्र सहारण ने पेपर बेचकर कमाए गए रुपयों से खरीदी थी। कुछ दिनों पहले ही यह कोठी खरीदी गई थी। लेकिन अब इसे जयपुर विकास प्राधिकरण ने खंडर कर दिया है। भूपेंद्र सारण के अलावा सुरेश ढाका की कोठी को भी खंडहर करने की तैयारी की जा रही है। यह कोठी भी करीब डेढ़ करोड़ रुपए की बताई गई है।

यह भी पढ़े- राजस्थान में पहली बार बड़ा एक्शन: पेपर लीक करने वाले मास्टरमांइड के कोचिंग पर गरजे बुलडोजर, धूल बनी इमारत

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