कैबिनेट मीटिंग के बाद OBC आरक्षण को लेकर बड़ी बात बोल गए राजस्थान सीएम गहलोत.....जागी उम्मीदें

राजस्थान के कांग्रेस सीएम चुनाव से पहले गुड गवर्नेंस का कोई भी मौका नहीं चूकना चाहते है। इसके चलते ही आज के दिन सीएम हाउस पर संपन्न हुई कैबिनेट मीटिंग में सिविल सेवा नियमों के संसोधन को मंजूरी दी है, जिसके बाद OBCआरक्षण पर पर भी समाधान होने की उम्मीद लग रही है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Nov 25, 2022 3:22 PM IST / Updated: Nov 25 2022, 08:58 PM IST

जयपुर (jaipur). गहलोत मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा नियम में संशोधन को मंजूरी देने का बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला ले लिया हैं। बता दें कि इससे अन्य पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) में विसंगति की समस्या का समाधान होने की आशा है। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस बैठक के बाद मंत्री महेश जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि जो विसंगति थी उसे दूर कर दिया गया है।

मिलेगा हॉरिजोंटल कैटेगरी रिजर्वेशन
आधिकारिक बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा; भूतपूर्व सैनिकों का आमेलनद्ध नियम 1988 में संशोधन का फैसला लिया है। इससे राज्य की भर्तियों में पूर्व सैनिकों को क्षैतिज श्रेणीवार आरक्षण प्राप्त होगा। इस संशोधन से अनुसूचित जाति-जनजाति के पूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। तो वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों; पूर्व सैनिकों के अलावाद्ध का भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा।

कैटेगरी में एडजस्टमेंट के कारण  कम हो जाते थे चांस
 बैठक के बाद पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने ट्वीट किया कि पूर्व सैनिकों की वर्तमान भर्ती नियमों में भर्ती उपरांत  उनका समायोजन उनसे संबंधित श्रेणी में किया जाता है। इस व्यवस्था से पूर्व सैनिकों के अपनी श्रेणी में समायोजित होने के कारण अनुसूचित जाति जनजाति के पूर्व सैनिकों का चयन कम हो पा रहा है। साथ ही पूर्व सैनिकों के लिए निर्धारित आरक्षण उपरांत चयनित अभ्यर्थियों के अपने वर्ग में समायोजित हो जाने के कारण कुछ भर्तियों में पिछड़ा वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो पूर्व सैनिक नहीं हैं का भी समुचित प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है।

पहले के जैसे ही मिलती रहेगी छूट
बयान से स्पष्ट है कि इस पहल से पूर्व सैनिकों को वर्तमान में मिल रही आयु में छूट व न्यूनतम अंकों में छूट का लाभ भी मिलता रहेगा। साथ ही पूर्व सैनिकों के किसी भर्ती के रिक्त पद के विरुद्ध रिक्तियां एक भर्ती वर्ष तक अग्रेषित की जाती रहेगी। ट्वीट के जरिए पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने सभी युवाओं को बधाई दी।  इसके अलावा ओबीसी आरक्षण विसंगति आंदोलन में संघर्ष के सभी साथियों को बधाई दी। कैबिनेट में साथ देने वालों को धन्यवाद। उन्होंने अपने ट्वीट मे कह कि विवाद से नहीं सामंजस्य सहयोग व संघर्ष से सफलता मिलती है।

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