गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर भड़क गए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कर दिया बड़ा खुलासा

राजस्थान के जयपुर में प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने के बाद कई बड़े खुलासे किए है। वह यहां एक कार्यक्रम  में शामिल होने के लिए आए थे। तभी उन्होंने गुलाम नबी के लिए कहा कि संजय गांधी के समय वे चमचागिरी करते थे।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 26, 2022 12:12 PM IST

जयपुर. राजस्थान के कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर में बड़ी बात कही। गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को अपना 5 पेज का इस्तीफा भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा कि पार्टी में चापलूसी की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उनके इस बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेहद करारा जवाब दिया। गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को दिए हुए इस्तीफे पर राहुल गांधी को निशाने पर लिया है।

राजधानी में कार्यक्रम में शामिल होने आए थे
जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संजय गांधी के समय गुलाम नबी आजाद लगातार उनकी चमचागिरी करते थे।  वह चापलूस ही माने जाते थे।  लेकिन संजय गांधी ने कभी यह परवाह नहीं की।  अगर उसी समय संजय गांधी उन्हें चापलूसी के आरोपों में हटा देते तो आज देश में कौन जानता था कि गुलाम नबी आजाद कौन है।

गुलाम नबी के लिए कही  ये बात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अक्सर नेताओं की आपस में नहीं बनती , लेकिन इसका मतलब यह नहीं है जो आजाद साहब ने किया है। गहलोत ने कहा कि मैंने आजाद का स्टेटस पढ़ा तो मुझे बहुत धक्का लगा है, मुझे इतना धक्का लगा है कि मैं ऐसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। गहलोत ने कहा कि जो नेता 42 साल तक केंद्रीय मंत्री, एआईसीसी का मुख्यमंत्री , प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष , चीफ मिनिस्टर जम्मू कश्मीर सहित सब बड़े पदों पर रहा हो वह इस प्रकार का पत्र लिखेगा यह गलत है।

आजाद की स्थिति पर गहलोत ने यह भी कहा कि आजाद साहब ने इस्तीफा देने का बेहद गलत समय और तरीका चुना है। अभी सोनिया गांधी बीमार है। ऐसे समय पर यह पत्र लिखना शोभा नहीं देता। अभी वह चेकअप के लिए अमेरिका गई है। इस समय इस तरह का पत्र लिखना कितना अनुचित है यह बहुत ही संवेदनहीन बात है।  गहलोत ने फिर कहा कि मैं बेहद सदमे में हूं जो व्यक्ति 42 साल तक लगातार अलग-अलग पदों पर रहा हो उसने  इस तरह की शब्दावली लिखी है। यह सब कुछ मेरी समझ से परे है आजाद साहब ने बहुत ही गलत वक्त चुना है।

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