लंपी वायरस को लेकर राजस्थान सरकार का बड़ा ऐलान, अभी तक हो चुके 8 लाख से ज्यादा मवेशी संक्रमित

राजस्थान में अब तक लंपी वायरस के कारण 50 हजार गायों की मौत हो चुकी है तो वहीं 8 लाख 50 हजार से ज्यादा मवेशियों  इसकी चपेट में है। अब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने इसको लेकर बड़ी घोषणा की है,जिसके बाद पशुपालकों में राहत की सांस आई है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Sep 10, 2022 2:09 PM IST

जयपुर. गायों में फैल रहे लंपी वायरस ने राजस्थान सरकार को चारों खाने चित कर दिया है। राजस्थान सरकार के पशुपालन मंत्री ने इसे लेकर अब बड़ी घोषणा की है। सरकार की इस घोषणा के बाद पशुपालकों में कुछ राहत है। राजस्थान में अब तक लंपी वायरस बीमारी के कारण 50,000 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। वहीं 8 लाख 50 हजार से ज्यादा गाय इस बीमारी से संक्रमित हैं।  

सरकार खरीदेगी 25 लाख टीके
राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि सरकार अब तक करीब 10 लाख से ज्यादा टीके मवेशियों को लगा चुकी है । वहीं इन टीकों के कारण मृत्यु दर में काफी हद तक कमी आई है। लेकिन उसके बावजूद भी वायरस अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। सरकार अब 25 लाख से ज्यादा टीके खरीदने की तैयारी कर रही है। 2 से 3 दिन में यह खरीद पूरी होने की उम्मीद है।  जैसे ही यह टीके आते हैं वैसे ही जिलेवार संक्रमित गायों की संख्या के आधार पर इन्हें बांट दिया जाएगा।

इन जिलों में बंटे सबसे ज्यादा टीके
अब तक सबसे ज्यादा टीके अलवर में, बांसवाड़ा में, भरतपुर में, अजमेर में, कुचामन सिटी नागौर में और प्रतापगढ़ जिले में बांटे गए हैं । इन सभी जिलों में 50,000 से ज्यादा के करीब प्रत्येक जिले को टीके दिए गए हैं। 

 कटारिया ने कहा कि राजस्थान सरकार केंद्र सरकार से लगातार इस बीमारी को महामारी घोषित करने का आग्रह कर रही है ,लेकिन केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान देना ही बंद कर दिया है । अगर केंद्र सरकार इस बीमारी को गंभीरता से लेती है तो यह बीमारी जल्द ही खत्म हो सकती है।  सरकार की मदद के बाद राजस्थान सरकार भी अपने स्तर पर और ज्यादा कार्यवाही कर सकती है। यह बीमारी राजस्थान से होती हुई अब दिल्ली ,गुजरात ,एमपी, यूपी समेत आसपास के राज्यों तक पहुंच चुकी है।  

लंपी को रोकने के लिए तरह-तरह के प्रयोग कर रहे पशुपालक
राजस्थान में बहुत तेजी से फैल रहे इस वायरस को काबू करने के लिए आयुर्वेदिक कारकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है । हल्दी, नीम, लॉन्ग ,कपूर समेत अन्य उत्पाद मिलाकर काढे़ बनाए जा रहे हैं और इन्हें मवेशियों को पिलाया जा रहा है।  हालांकि इनसे कितने हद तक बीमारी सही हुई है इसका कोई सरकारी विश्लेषण अभी तक सामने नहीं आ सका है । 

आयुर्वेदिक औषधियों का भी किया जा रहा उपयोग
 पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि आयुर्वेदिक औषधियों के जरिए भी मवेशियों को सही किया जा रहा है। कई भामाशाह इस काम में मदद कर रहे हैं, कुछ एनजीओ भी मदद के लिए आगे आए हैं। सभी अपने अपने स्तर पर काम कर रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी करीब 50 हजार गायों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है । लंपी वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप अलवर ,भरतपुर, अजमेर ,प्रतापगढ़ ,उदयपुर ,गंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों में है।

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