राजस्थान मे कांग्रेस की अंदरूनी फूट और कांग्रेसी नेताओं द्वारा लगातार जारी बदजुबानी पर पार्टी सुप्रीमों ने बकायदा लेटर जारी करते हुए नसीहत दी है कि इसे ढंग से पढ़ ले, समझ ले। इस लेटर के अनुसार कोई भी किसी के खिलाफ कोई बदजुबानी नहीं करेगा, नहीं तो हो सकती है सख्त कार्यवाही।
जयपुर. जयपुर में कांग्रेस का सियासी बवंडर फिलहाल थम गया है, लेकिन यह फिर कभी भी उठ सकता है। इस बवंडर को काबू करने के लिए अब आलाकमान ने एक लेटर जारी किया है। इस लेटर के बारे में सभी को निर्देश दिए गए हैं कि इससे ढंग से देख ले , समझ ले और पढ़ ले । यह लेटर सभी कांग्रेसी नेताओं को आलाकमान के जरिए भेजा गया है।
पार्टी सुप्रीम द्वारा जारी किया गया लेटर
लेटर में केसी वेणुगोपाल जो की ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी यानी एआईसीसी के महासचिव है। केसी वेणुगोपाल का कहना है कि आने वाले दिनों में कोई भी कांग्रेसी नेता पार्टी को लेकर या आपस में एक दूसरे को किसी भी तरह की बदजुबानी नहीं करेगा। न हीं किसी तरह के व्यंग्य या गलत संवाद कहेगा। किसी भी तरह की बयानबाजी करने से बचना होगा अन्यथा पार्टी संबंधित नेता के खिलाफ सख्त एक्शन लेगी।
राजनीति की सब्जी मंडी बन गई कांग्रेस
उल्लेखनीय है कि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर आज ही न्यूज़ प्रसारित की गई थी की राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति सब्जी मंडी की तरह हो गई है , कोई नेता अपने साथी नेता को डोकरा कह रहा है तो दूसरा नेता अपने साथी नेता को दलाल बता रहा है। वही कोई नेता पार्टी के खिलाफ बयान बाजी कर रहा है तो कोई आलाकमान को ही नसीहत दे रहा है। उक्त तमाम घटनाक्रम को लेकर आज सवेरे यानि गुरुवार की सुबह ही न्यूज़ पब्लिश की गई थी। उसके बाद दोपहर में दिल्ली में कई घंटे सियासी घटनाक्रम चला। शाम को इसके यह परिणाम आए कि सीएम का निर्णय आने वाले 2 से 3 दिन में किया जाएगा ।
वही गहलोत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से भी इंकार कर दिया। इन सब के बाद अब दिल्ली से फिर से पर्यवेक्षक राजस्थान आने के लिए तैयार हैं। संभवत इस सप्ताह के अंत में पर्यवेक्षक वापस से राजस्थान आ सकते हैं और इस बार बुलाई जाने वाली विधायक दल की बैठक में बड़ा फैसला होना तय है।
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