राजस्थान में लंपी वायरस को लेकर आपातकाल जैसे हालात, विभाग के कार्मिकों छुट्टी रद्द की गई। सरकार ने खोली तिजोरी। राज्य में होने वाले सभी मेलों पर लगाई रोक। प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला में भी वायरस की इंट्री 15 हजार मवेशियों को खतरा...
जयपुर. राजस्थान में लम्पी वायरस को लेकर सरकार ने बड़ी तैयारियां शुरु कर दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मवेशियों के लिए इलाज के लिए सरकारी तिजोरी खोल दी है और हर जिले से अनुदान के अलावा रकम लेने के लिए कहा गया है। मवेशियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए कहा है। राजस्थान में हालात ये हो गए हैं कि पशुपालन विभाग की तो छुट्टियां तक रद्द कर दी गई हैं। विभाग में काम करने वाले कार्मिकों को अगले आदेशों तक अवकाश नहीं देने के लिए कहा गया है। राजस्थान में चौबीस घंटे में ही 2100 मवेशियों की मौत हो चुकी है। सीएम ने फिलहाल दवाईयों के लिए एक करोड़ से भी ज्यादा का बजट जारी किया है और इसके अलावा भी सभी जिलों से जरुरी उपकरणों और दवाओं की आवश्यक्ता रिपोर्ट मांगी है।
राजस्थान में अब डेढ़ लाख से ज्यादा संक्रमित
प्रदेश में शुक्रवार शाम तक संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख 58 हजार 76 है। हर दिन करीब बीस हजारसे भी ज्यादा नए मवेशी संक्रमित हो रहे हैं। राजधानी जयपुर तक में हालात खराब होने लगे हैं। जयपुर में अब तक इस बीमारी से संक्रमण के 696 मामले रिकॉर्ड हुए है। जिसमें से 18 पशुओं की मौत हो चुकी है। प्रदेश में बाड़मेर में सबसे अधिक गौवंश की मौत दर्ज की गई है। यहां अब तक 1812 गौवंश की मौत हो चुकी है। वहीं नागौर में यह आकड़ा 1089 और जोधपुर में 949 तक पंहुच चुका है। इस बीच पशुपान मंत्री राजस्थान सरकार लालचंद कटारिया ने भी शुक्रवार को प्रदेश की सबसे बडी गौशाला हिंगोनिया गौशाल जयपुर का दौरा किया है। वहां पर करीब पंद्रह हजार मवेशी हैं। इसके अलावा प्रदेश की 168 गौशालाओं से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
राजस्थान में आगामी आदेशों तक मेलों पर प्रतिबंध, दूसरे राज्यों से आने वाले मवेशियों को नो एंट्री
राजस्थान सरकार में मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा है कि राजस्थान में आगामी दिनों में होने वाले सभी तरह के मेलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जो मेले मवेशियों से संबधित हैं। इसके अलावा बार्डर जिलों से एंट्री करने वाले दूसरे राज्यों के मवेशियों को भी अब राजस्थान में एंट्री बंद कर दी गई हैं। राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने कहा कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की जा रही है केंद्र सरकार से ताकि इसे उसी तरह से ट्रीट किया जा सके। अगर जल्द ही कुछ बड़ा नहीं किया जाएगा तो ये बीमारी पूरे देश में फैल जाएगी।