राजस्थान में आधी रात के बाद एक पैंथर ने जमकर तांडव माचाया। पूरा गांव घर के अंदर कैद हो गया, वहीं एक 10 साल के बच्चे को सोते में खींचकर ले गया। माता-पिता जागे तो उनपर भी हमला बोल दिया। पिता का हाथ चबा दिया और मां के सिर में पंजा मार दिया।
जयपुर. राजधानी जयपुर में दिल्ली नेशनल हाइवे पर स्थित चंदवाली क्षेत्र में रात दो बजे के बाद पैंथर ने ऐसा तांडव मचाया कि पूरा का पूरा गांव घरों में कैद हो गया। लोग डर के मारे घरों में दुबके रहे। करीब पांच से छह घंटे की मशक्कत के बाद पैंथर को काबू किया जा सका। उसे डार्ट गन द्वारा बेहोशी का इंजेक्शन मारा गया। उसके बाद पैंथर अचेत हो गया। फिर उसे पिंजरे में डालकर ले जाया गया। इस दौरान गांव के लोग दहशत में ही रहें। चंदवाजी क्षेत्र में स्थित मोटूकलां गांव की यह पूरी घटना है।
गहरे नींद में सो रहे थे लोग, पैंथर आया और 10 के बच्चे का कंधा दबाकर खींच ले गया
स्थानीय निवासियों ने बताया कि रात करीब ढाई बजे करीब पैंथर गांव में घुसा था। ढाई बजे करीब गांव में एक घर में आ गया। वहां पर कूलर के लिए कमरा खुला रखा गया था। कमरे का भी थोड़ा खुला छोडा गया था। इस दौरान पैंथर ने कमरे का दरवाजा खोला और अंदर जाकर करीब दस साले के बच्चे का कंधा पकडकर दबा लिया। उसे बाहर खींच लाया। बच्चा चीख तो माता पिता जाग गए। देखा कि बच्चे पर पैंथर ने हमला कर दिया। वे कुछ कर पाते इससे पहले पैंथर ने पिता का हाथ चबा लिया और मां के सिर और शरीर पर कई जगहों पर जोरदार पंजे मारे। उसके बाद पैंथर हाइवे की ओर भाग गया। वहां पर अपेक्स यूनिवर्सिटी की निर्माणाधीन बिल्डिंग में जा घुसा। वहां पर अंदर और बाहर सो रहे दो चौंकीदारों पर भी हमला कर दिया और उसके बाद बेसमेंट में घुस गया।
5 घंटे तक दम साधे खड़े रहे वन विभाग का स्टाफ और लोग
इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी गई तो वन विभाग की टीम के लोग मौके पर पहंचे। पिंजरा और जाल लेकर आए लोग करीब चार बजे तक पहुंच गए थे। उसके बाद उन्हें बताया गया कि पैंथर को बेसमेंट में जाते हुए देखा गया है। पहले तो भवन को चारों ओर से बंद किया गया। उसके बाद बेसमेंट को ऐम करते हुए वन विभाग के डॉक्टर और उनका स्टाफ काफी देर तक खड़ा रहा। पैंथर जैसे ही उपर आया उसे बेहाशी की दवा का इंजेंक्शन शूट कर लगा दिया गया। दस से बीस सैंकेड में वह अचेत हो गया और बाद में उसे पिंजरे में डाल दिया गया। पैंथर के हमले में घायल हुए परिवार के लोगों में से तीन का इलाज जयपुर के एसएमएस अस्पताल में चल रहा है और बाकि दो का इलाज चंदवाजी में ही जारी है।